scriptआयुर्वेद में हैं स्वाइन फ्लू का इलाज | Ayurveda has treatment for swine flu | Patrika News

आयुर्वेद में हैं स्वाइन फ्लू का इलाज

Published: Apr 30, 2018 04:47:59 am

नाक से पानी आना, सिरदर्द, गले में सूजन, कफ और आंखें लाल होने जैसे लक्षण होने पर इसे काढ़े के रूप में सुबह व शाम को दिया जाता है। एक गिलास…

Ayurveda

Ayurveda

आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी पद्धति में स्वाइन फ्लू का इलाज पूरी तरह से संभव है। मरीज के लक्षणों के आधार पर आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों और काढ़े का प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

गोजव्याधि क्वाथ

नाक से पानी आना, सिरदर्द, गले में सूजन, कफ और आंखें लाल होने जैसे लक्षण होने पर इसे काढ़े के रूप में सुबह व शाम को दिया जाता है। एक गिलास पानी में दो चम्मच गोजव्याधि पाउडर मिलाकर उबालें। जब यह पानी आधा रह जाए तो ठंडा होने पर छानकर दिन में तीन बार लें। इससे मरीज को आराम मिलने लगता है। यदि स्थिति गंभीर है तो चित्रकवटी की दो-दो गोलियां सुबह व शाम खाने के बाद लें।

गिलोय भी फायदेमंद

इसके तनों का रस और पाउडर दोनों ही स्वाइन फ्लू में फायदेमंद होते हैं। सुबह के समय खाली पेट और शाम को खाना खाने से चार घंटे पहले छोटे बच्चों को 1 चम्मच, बड़ों को 2 और बुजुर्गों को 4 चम्मच दिए जाते हैं। इसकी पत्तियों का पाउडर शहद के साथ लेने से कफ व जुकाम में आराम मिलता है। नीम के पेड़ के सहारे ऊपर चढ़ी हुई गिलोय की बेल के तने को कूटकर उबाल लें। बरतन में नीचे जो सत्त रह जाए उसे संजीवनी/गोदंती या लक्ष्मीविलास रस(नार्दीय) में से किसी एक के साथ लेने से 3-5 दिन में लिवर व बुखार संबंधी रोग दूर होते हैं।

काढ़ा है उपयोगी

तुलसी , कालीमिर्च, अदरक, काला नमक और नींबू के रस की चार बूंदें मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें। सुबह खाली पेट व शाम को खाना खाने से चार घंटे पहले इसे पीने से स्वाइन फ्लू के सिरदर्द, गले की सूजन, जुकाम और खांसी जैसे लक्षणों में लाभ होता है। पानी में अदरक डालकर उबाल लें। इसे पीने से कफ व संक्रमण से राहत मिलती है।

हरसिंगार

इसके एक पत्ते को पीसकर एक गिलास पानी में उबाल लें। जब यह पानी एक चौथाई रह जाए तो ठंडा होने पर इसे खाने से पहले पी लें। ध्यान रहे कि इसका प्रयोग ताजा बनाकर ही करें। इससे गले की सूजन दूर होकर शरीर का तापमान सामान्य रहता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो