हाल ही में किए गए एक शाेध में ब्रिटेन में शोधकर्ताओं ने पाया कि तटीय क्षेत्रों के आधे मील के भीतर रहने वालों लाेगाें में अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं से पीड़ित होने की संभावना कम थी। इंग्लैंड में एक्सेटर विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस अध्ययन में 26,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर,ब्रिटेन में कार्यरत अध्ययन के प्रमुख लेखक जो गैरेट ने कहा है कि अध्ययन के परिणामाें में मनोवैज्ञानिक भलाई और प्राकृतिक वातावरण के बीच एक कड़ी मिली – जिसे “ब्लू हेल्थ” ( Blue Health ) के रूप में जाना जा सकता है।
गैरेट ने कहा कि हमारे शोध से पहली बार पता चलता है कि तट के करीब रहने वाले गरीब लाेग मानसिक स्वास्थ्य विकारों के लक्षणों का कम अनुभव करते हैं। जब मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो यह ‘सुरक्षात्मक’ जाेन कम आय वाले लोगों के लिए काफी उपयोगी भूमिका निभा सकता है।”