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Blue Health: कम आमदनी में भी ज्यादा खुश रहते हैं ऐसी जगह रहने वाले लाेग

locationजयपुरPublished: Oct 02, 2019 07:41:35 pm

Blue Health in Hindi: आप अगर मानसिक अशांति से जूझ रहे हैं आैर शांति की तलाश में हैं ताे इस जगह के करीब रहना आपके लिए फायदेमंद साबित हाे सकता है

 Living Near Seas Can Boost Your Mental Health - Research

Blue Health: कम आमदनी में भी ज्यादा खुश रहते हैं ऐसी जगह रहने वाले लाेग

Blue Health in Hindi: आप अगर मानसिक अशांति से जूझ रहे हैं आैर शांति की तलाश में हैं ताे समुद्र के करीब रहना आपके लिए फायदेमंद साबित हाे सकता है। एक नए अध्ययन के अनुसार, समुद्र के करीब रहने से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मानसिक स्वास्थ के लिए बेहतर है समुद्र का किनारा ( Sea For Good Mental Health )
हाल ही में किए गए एक शाेध में ब्रिटेन में शोधकर्ताओं ने पाया कि तटीय क्षेत्रों के आधे मील के भीतर रहने वालों लाेगाें में अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं से पीड़ित होने की संभावना कम थी। इंग्लैंड में एक्सेटर विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस अध्ययन में 26,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
ब्लू हेल्थ मानसिक स्वास्थ की कड़ी ( Blue Health )
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर,ब्रिटेन में कार्यरत अध्ययन के प्रमुख लेखक जो गैरेट ने कहा है कि अध्ययन के परिणामाें में मनोवैज्ञानिक भलाई और प्राकृतिक वातावरण के बीच एक कड़ी मिली – जिसे “ब्लू हेल्थ” ( Blue Health ) के रूप में जाना जा सकता है।
समु्द्र का साथ बेहतर ( Seas Boost your Mental Health )

अध्ययन में पाया गया कि समुद्र से 50 किमी या उससे अधिक दूर रहने वाले लोगों की तुलना में, समुद्र से एक किलोमीटर के भीतर रहने वालों लाेगाें का मानिसक स्वास्थ्य बेहतर था।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि समुद्र के एक किलोमीटर के भीतर रहने वाले, कम आय वाले परिवारों में 50 किमी से अधिक दूरी पर रहने वाले समान आय वाले लोगों की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित होने की संभावना 40 प्रतिशत कम थी। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि समुद्र तट मानसिक स्वास्थ के लिए “सुरक्षात्मक क्षेत्र” के रूप में कार्य कर सकते हैं।
‘सुरक्षात्मक’ जाेन ( ‘Protective’ zone )
गैरेट ने कहा कि हमारे शोध से पहली बार पता चलता है कि तट के करीब रहने वाले गरीब लाेग मानसिक स्वास्थ्य विकारों के लक्षणों का कम अनुभव करते हैं। जब मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो यह ‘सुरक्षात्मक’ जाेन कम आय वाले लोगों के लिए काफी उपयोगी भूमिका निभा सकता है।”
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