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पाचनतंत्र की गड़बड़ी से हाेता है सेहत काे नुकसान, एेसे रखें ध्यान

locationजयपुरPublished: Jun 25, 2019 05:50:41 pm

पाचन तंत्र हमारे भोजन को पचाता है, फिर पौष्टिक तत्त्वों, जरूरी एंजाइम्स व रसायनों को शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है

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पाचनतंत्र की गड़बड़ी से हाेता है सेहत काे नुकसान, एेसे रखें ध्यान

आपने अक्सर लोगों को यह शिकायत करते देखा होगा कि हम खाते तो हैं लेकिन खाना शरीर को नहीं लगता या फिर ज्यादा नहीं खाते फिर भी मोटे होते जा रहे हैं। ये दोनों परेशानियां ज्यादातर पाचनतंत्र में गड़बड़ी के कारण सामने आती हैं। हम चाहे कितना ही पौष्टिक भोजन क्यों न कर लें, जब तक पाचनतंत्र ठीक नहीं होगा, फिट नहीं हो सकते। जानते हैं इससे जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में-
क्यों होती है गड़बड़ी
पाचन तंत्र हमारे शरीर का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारे भोजन को पचाता है, फिर पौष्टिक तत्त्वों, जरूरी एंजाइम्स व रसायनों को शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। अधिक भोजन करने, हड़बड़ी में या असमय खाने से, गरिष्ठ भोजन, व्यायाम का अभाव और रोजमर्रा का तनाव जैसी आदतों से पाचनतंत्र गड़बड़ा जाता है व जरूरी रसायन व एंजाइम्स शरीर को नहीं मिल पाते।
पाचनतंत्र से जुड़ी समस्याएं व उपाय:-

एसिड रिफ्लेक्स
पेट में अम्ल या पित्त के भोजन नली में पहुंचने के कारण होता है एसिड रिफ्लेक्स। सीने में जलन के साथ दर्द इसका संकेत है। ये दर्द अक्सर भोजन के बाद होता है व लेटने पर बढ़ जाता है।
क्या करें: भोजन को अच्छे से चबाकर खाएं। और विशेषज्ञ से संपर्क कर जरूरी इलाज लें।

डायरिया
शरीर में तेजी से पानी की कमी होना डायरिया कहलाता है। यह वायरस और बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है। अधिक शराब, दूषित भोजन व पानी, तनाव की अधिकता के कारण यह समस्या हो सकती है।
क्या करें:
तरल पदार्थ, नमक व चीनी का घोल थोड़ी-थोड़ी देर में लेते रहें। परेशानी काबू न होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

पेट में मरोड़
पाचनतंत्र की गड़बड़ी के अलावा पेट में ऐंठन या मरोड़ के कई कारण हो सकते हैं जैसे पीरियड्स, फूड पॉइजनिंग, खराब खानपान, साफ-सफाई की कमी व आधा पका नॉनवेज खाना आदि।
क्या करें:
साफ-सफाई का ध्यान रखेंं। यदि मरोड़ के साथ दस्त व बुखार हो तो फौरन विशेषज्ञ को दिखाएं। लापरवाही से स्थिति गंभीर हो सकती है।
पेट फूलना
अधिक फास्ट व जंकफूड, चिकनाईयुक्त भोजन और असमय खाने से कई बार अपच और गैस से पेट फूलने की समस्या हो जाती है। ऐसा खानपान पाचन की प्रक्रिया को धीमा भी कर देता है।
क्या करें: अधिक तले-भुने, फास्टफूड, डिब्बाबंद चीजें खाने से परहेज करें। कोल्ड ड्रिंक्स व अन्य शुगरी ड्रिंक्स लेने से बचें। मौसमी फल व हरी सब्जियां खाएं। खाने के बाद नियमित वॉक करें। परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
पेप्टिक अल्सर
आंत की परतों में घाव या छालों को पेप्टिक अल्सर कहते हैं। अधिक मसालेदार भोजन, सूजन रोधी दवाएं, आनुवंशिकता, धूम्रपान व शराब इसके प्रमुख कारण हैं। ऐसे में पेट में जलन और दर्द की समस्या सामने आती है।
क्या करें: खानपान में सुधार करके काबू पाया जा सकता है। रेशायुक्त फल व सब्जियां, केले, साबुत अनाज खाएं। अधिक चिकनाई व मसालेदार चीजें, चाय, कॉफी व शराब आदि से परहेज। योग व ध्यान से तनाव काबू करें।
ये उपाय भी रखेंगे पाचनतंत्र दुरुस्त
– रोजाना भोजन से पहले फल खाएं। केले और पपीते में फाइबर व सोडियम पर्याप्त मात्रा में होता है इसलिए इन्हें सुबह खाली पेट खाना अच्छा है।
– समय पर नाश्ता, दोपहर व रात का भोजन करें। एक निवाले को कम से कम 15 से 20 बार चबाएं। फाइबर से भरपूर आहार जैसे साबुत अनाज, सब्जियां और फल अधिक से अधिक खाएं। विटामिन-सी युक्त चीजें जैसे ब्रोकली, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबेरी आदि खाएं।
– खाने के साथ दही या छाछ लें। इसमें भुना जीरा व काला नमक प्रयोग कर सकते हैं।
– भोजन बनाने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल करें। इसमें विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होता है जो पेट संबंधी कई समस्याओं में फायदेमंद है।
– पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं जिससे शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल सकें। गुनगुना पानी पीने से पाचन शक्ति मजबूत होती है।
– तनाव से दूर रहने के लिए योग करें। आठ घंटे की नींद लें। सोते समय मोबाइल, लैपटॉप को तकिए से दूर रखें।
– धूम्रपान, अधिक कैफीनयुक्त चीजें, शराब आदि से परहेज करें।
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