इस अध्ययन को जर्नल एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। यह आंकड़े मिशिगन में 38 अस्पतालों में इलाज किए गए 1250 रोगियों पर आधारित हैं। यह आंकड़ें तब इकट्ठा किए गए थे, जब देश में कोरोना अपने पीक पर था। अमेरिका में युनिवर्सिटी ऑफ मिशीगन से स्टडी ऑथर विनीत चोपड़ा ने कहा, “ये आंकड़े दिखाते हैं कि कोराना का असर अस्पताल और स्वास्थ्य से बहुत आगे तक है।”
चोपड़ा ने कहा, “बचे लोगों में मानसिक, वित्तीय और शारीरिक समस्या देखी गई हैं।” साक्षात्कार में शामिल 39 प्रतिशत रोगियों ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के दो महीने बाद भी वे लोग सामान्य गतिविधि में लौट नहीं पाए हैं। वहीं 23 प्रतिशत उबर चुके लोगों ने कहा कि सीढ़ियों चढ़ते वक्त उनकी सांस फूल जाती है। वहीं एक तिहाई उबर चुके लोगों में अभी भी स्वाद और सूंघने की क्षमता में समस्या बनी हुई है।