अमरीका के मैयो क्लिनिक में 448 दिमागी परेशानियों के मरीजों पर हुए शोध में सामने आया है कि दिमाग पर लगी किसी भी चोट को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
एक स्टडी में सामने आया है कि सिर में चोट के कारण भविष्य में अल्जाइमर जैसी भूलने वाली बीमारी भी हो सकती है। अमरीका के मैयो क्लिनिक में 448 दिमागी परेशानियों के मरीजों पर हुए शोध में सामने आया है कि दिमाग पर लगी किसी भी चोट को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
मिर्गी: चोट लगने के दो सालों के अंदर मिर्गी का दौरा पड़े तो मरीज को तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क कर पूरा इलाज कराना चाहिए।
याददाश्त में कमी: ब्रेन इंजरी के बाद सब्ड्यूलर हिमेटोमा(क्लॉट) होने की वजह से याददाश्त कम हो सकती है। अगर इसे समय पर ही निकाल दिया जाए तो व्यक्ति ठीक हो जाता है।
विशेषज्ञ की राय
सिर में चोट लगने के बाद दो साल तक यदि कोई परेशानी नहीं होती तो भविष्य में किसी समस्या की आशंका नहीं रहती। अगर कोई शंका होती भी है तो डॉक्टर पहले ही बता देते हैं। चोट के बाद सिरदर्द, चक्कर या दौरे जैसे लक्षण हों तो डॉक्टरी सलाह से सीटी स्कैन कराना चाहिए।