क्या है ग्लाइकेशन
झुर्रियों, त्वचा के ढीलेपन और उस पर गहरी लकीरें पड़ जाने का मुख्य कारण है ग्लाइकेशन। यह रक्त में ग्लूकोज की अतिरिक्त मात्रा के कारण होता है। फास्ट फूड (ब्रेड, पास्ता, आइस्क्रीम और सोडा) में मौजूद शुगर और हाई-ग्लाइसेमिक कार्बोहाइड्रेट इसकी मुख्य वजह है। जरूरत से ज्यादा चीनी लेने वाले लोगों में भी ग्लाइकेशन की समस्या हो जाती है।
ऐसे होता है असर
अतिरिक्त चीनी के मोलीक्यूल्स कोलाजेन फाइबर्स से जुडक़र उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इनके प्रभाव से त्वचा धीरे-धीरे अपनी मजबूती और लचीलापन खोने लगती है। ग्लाइकेशन से शरीर के ऊतकों को काफी नुकसान पहुंचने लगता है।
रोगों की भरमार
ज्यादा चीनी से त्वचा का रंग गहरा होने और पिगमेंटेशन का खतरा बढ़ता है, स्किन ऑयली हो जाती है। टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में डायबिटीक डर्मोपैथी और डायबिटिक कोरम की समस्या हो सकती है, जिसमें गर्दन के ऊपरी हिस्से या गर्दन के पीछे की स्किन कड़ी और मोटी हो जाती है। ‘एकांथोसिस’ नामक बीमारी से अंडरआम्र्स व गर्दन के नीचे की स्किन काली व मोटी हो जाती है।
डायबिटीज का डर
हम अपने आहार के जरिए जो भी प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट लेते हैं, वह शरीर में जाकर ग्लूकोज में बदल जाता है, जिससे एनर्जी मिलती है। शरीर में शुगर की अधिकता के कारण वजन बढऩे लगता है। ज्यादा फैट होने से इंसुलिन की कार्यक्षमता (रेसिस्टेंस) घट जाती है और आगे चलकर यह स्थिति डायबिटीज में बदल जाती है।
शुगर फ्री नहीं समाधान
शुगर फ्री के नाम पर जमकर खाना-पीना भी नुकसानदेय हो सकता है। शुगर फ्री मिठाइयों में खोया, क्रीम होता है, इनसे शरीर में कैलोरी बढ़ती है और शुगर अनियंत्रित हो सकती है। डायबिटीज होने पर जामुन, आंवला, संतरा, टमाटर, पालक, करेला, ककड़ी आदि खाएं लेकिन तली हुई चीजों से दूर ही रहें।