हाल के अध्ययनों से यह जानकारी भी मिली है कि यह विकास कर रहे दिमागों पर चिंताजनक प्रभाव डालता है। वाइनर ने कहा कि यह चिंताजनक है, क्योंकि मनोवैज्ञानिक तनाव से जोखिम भरे व्यवहार का खतरा पैदा हो सकता है, जिसमें ड्रग का प्रयोग या अकादमिक प्रदर्शन में कमी शामिल है। उन्होंने द बीएमजे जर्नल में प्रकाशित अपने पर्चे में कहा, “इसलिए बच्चों और युवाओं को कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक्स बेचने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, ताकि मोटापे और मानसिक स्वास्थ्य समस्या की जुड़वां महामारी को रोका जा सके।”
पागल हो सकता है बच्चा…
इससे पहले भी एनर्जी ड्रिंक को लेकर शोध किए जा चुके हैं और हर बार इसके साइड इफेक्ट को लेकर लोगों को एक्सपट्र्स ने आगाह किया। बावजूद इसके एनर्जी ड्रिंक की विक्री व इसके इस्तेमाल में कोई कमी नहीं आई। ऐसे में यहां यह कहना जरूरी हो जाता है कि यदि आप भी रोजाना पीते हैं एनर्जी ड्रिंक, तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। रिसर्च के मुताबिक, कैफीन वाला एनर्जी ड्रिंक पीने से बच्चों को फ्यूचर में एल्कोहल या नशे की लत लग सकती है। इतना ही नहीं ये ड्रिंक बच्चे को पागलखाने भी पहुंचा सकती है। बहरहाल, शोध करने वाली टीम ने सलाह दी है कि अनियमित ह्रदय गति वाले बच्चों और लोगों को इन पेय पदार्थों से बचना चाहिए। ब्रिटिश सॉफ्ट ड्रिंक्स एसोसिएशन पहले ही यह कह चुका है कि ये एनर्जी ड्रिंक बच्चों के लिए नहीं हैं।