ये हो सकते हैं कारण
अत्यधिक दबाव, आसपास का माहौल, यूरिन इंफेक्शन, ब्लैडर रिटेंशन की क्षमता में कमी व मधुमेह की प्रारंभिक स्थिति आदि।
अलार्म थैरेपी भी काम की
आजकल छह वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अलार्म थैरेपी प्रयोग में ली जा रही है। इस थैरेपी में एक अलार्म बच्चे के बिस्तर में लगाया जाता है और जैसे ही बिस्तर हल्का-सा गीला होता है तो अलार्म के बजने से बच्चा तुरंत उठ जाता है। बार-बार इस प्रक्रिया से उसमें सुधार होने लगता है।
क्या करें
माता-पिता बच्चे को डांटने की बजाय कारण को जानने की कोशिश करें और बच्चो को इस समस्या के बारे में विस्तार से समझाएं।
निश्चित समय पर यूरिन करने की आदत डलवाएं।
चाय या कॉफी कम मात्रा में दें।
जिस दिन बिस्तर गीला न करे उस दिन शाबाशी देकर प्रोत्साहित करें। इससे उसके स्वभाव में सकारात्मकता आएगी साथ ही वह आदत में सुधार की कोशिश करेगा।
स्थिति में सुधार न होने पर विशेषज्ञ को दिखाएं। ऐसे मेंं विशेषज्ञ वजह को समझकर उचित इलाज देते हैं।
5 वर्ष से छोटा होने पर
माता-पिता बच्चे को प्यार से समझाएं व वॉशरूम में जाने की आदत डलवाएं।
रात को 8 या 9 बजे के बाद लिक्विड चीजें कम दें।
सोने से तुरंत पहले यूरिन कराएं और सोने के 2-3 घंटे बाद बच्चे को जगाकर ऐसा करवाएं।