पादंगुष्ठासन –
ऐसे करें : ताड़ासन में खड़े हो जाएं। इस दौरान कमर सीधी हो और पैरों पर जोर दें। अब कमर झुकाकर माथे को घुटने पर छूने का प्रयास करें। साथ ही हाथों की अंगुलियों से पंजों की अंगुलियों को छुएं। कोहनियां सीधी कर गहरी सांस लें। शरीर का ऊपरी हिस्सा ऊपर उठाकर कमर सीधी करें। अभ्यास को एक समय में 5-6 बार कर सकते हैं। शरुआती स्थिति में यदि शरीर लचीला न हो तो झुकने में दिक्कत होगी। अभ्यास धीरे-धीरे करें।
ये न करें : जिनके गर्दन या कमर में चोट लगी हो वे इसे करने से परहेज करें।
फायदे : यह आसन दिमाग को शांत कर रिलैक्स करता है। जांघों को मजबूती देता है।
डॉल्फिन पोज –
ऐसे करें : समतल जगह पर आसन बिछाकर खड़े हो जाएं। अब चित्र में दिखाएं अनुसार झुककर और हाथों को कोहनी तक जमीन पर रखें। चाहे तो अंगुलियों को फैलाकर या फिर मुट्ठी बांधकर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़ें नहीं। पंजों से लेकर कूल्हों तक का हिस्सा एक सीध में होना चाहिए। सांस लेते हुए एडिय़ों को ऊपर उठाएं। दबाव पैरों के पंजों पर दें। सांस छोड़ते हुए कूल्हे ऊपर उठाएं। सिर नीचे की ओर हो। सामान्य सांस लेते हुए कुछ देर इस अवस्था में रुकें फिर प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
ये न करें : हाथ, कंधे और पीठ में कोई चोट लगी है तो इसे न करें।
फायदे : थकान, अनिद्रा और सिरदर्द में राहत देने के साथ इससे शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे कंधे, गर्दन और बाजुओं को ताकत मिलती है। शरीर लचीला होता है।
जानुशीर्षासन –
ऐसे करें : पैरों को सामने की ओर सीधे फैलाते हुए बैठ जाएं। कमर सीधी रखें। अब दाएं घुटने को मोड़कर तलवा बाईं जांघ के पास लाएं। दायां घुटना जमीन पर होना चाहिए। सांस भरते हुए दोनों हाथों को सिर से ऊपर ले जाकर खींचें। कमर को बाईं तरफ घुमाएं। सांस छोड़ते हुए आगे झुकें। ठुड्डी को पंजों की ओर बढ़ाएं। हथेलियों से पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। 10-15 सेकंड इस अवस्था में रुककर सामान्य सांस लेते हुए प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
ये न करें : पैर, कमर आदि से जुड़ी कोई दिक्कत हो तो न करें।
फायदे : शारीरिक और मानसिक रूप से शांति मिलती।