scriptजानें आखिर क्यों महिला-पुरुषों में समान रूप से दर्द महसूस नहीं होता | For this reason, men and women do not feel the same pain | Patrika News

जानें आखिर क्यों महिला-पुरुषों में समान रूप से दर्द महसूस नहीं होता

locationजयपुरPublished: Apr 20, 2019 10:31:37 am

Submitted by:

Jitendra Rangey

स्कॉटलैंड निवासी 71 वर्षीय कैमरॉन को कभी दर्द महसूस नहीं हुआ। यहां तक कि प्रसव के समय भी उन्हें दर्द नहीं हुआ।

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दर्द नहीं होने को लेकर हुए अध्ययन, एकराय नहीं
दशकों तक यह माना जाता रहा है कि महिला-पुरुषों को दर्द समान रूप से महसूस होता है। वैज्ञानिक यह पता लगा रहे हैं कि दर्द से कराह की आवाज क्यों निकलती है। स्कॉटलैंड निवासी 71 वर्षीय कैमरॉन को कभी दर्द महसूस नहीं हुआ। यहां तक कि प्रसव के समय भी उन्हें दर्द नहीं हुआ। दर्द नहीं होने को लेकर अध्ययन हुए, लेकिन विशेषज्ञ एकराय नहीं हैं।
चूहों पर दर्द का अध्ययन किया
मॉन्ट्रियल, कनाडा में मैकगिल विश्वविद्यालय में रॉबर्ट सोरगे ने 2009 में चूहों पर दर्द का अध्ययन किया। चूहों को छूने पर अत्यधिक संवेदनशीलता होती है। परीक्षण के लिए सोरगे ने चूहों के पंजे को बाल से दबा दिया। नर चूहों ने पंजे को पीछे कर लिया। मादा ने ऐसा नहीं किया। मैकगिल यूनिवर्सिटी में दर्द शोधकर्ता जेफरी मोगिल ने कहा कि दर्द अतिसंवेदनशीलता का कारण नर व मादा चूहों में अलग-अलग प्रतिरक्षा कोशिकाओं का होना है। महिलाओं के हार्मोन चक्रजटिल होने से दर्द में भिन्नता होती है।
महिलाओं में ज्यादा होता दर्द
मॉन्ट्रियल इंस्टीट्यूट ऑफ जेंडर एंड हेल्थ के निदेशक कारा तन्नानबाम कहते हैं कि दुनियाभर में करीब 20 प्रतिशत लोग पुराने दर्द से पीडि़त है। इसमें से अधिकांश महिलाएं हैं।
क्यों होता है दर्द: दर्द तब होता है जब त्वचा, मांसपेशियों, जोड़ों या अंगों में तंत्रिका सेंसर हानिकारक संवेदना दर्ज करते हैं। चूहों की रीढ़ में लिपोपॉलेसेकेराइड नामक एक जीवाणु को डाला गया। इसने तंत्रिका तंत्र की प्रतिरक्षा कोशिकाओं माइक्रोग्लिया ने आकर्षित किया। अध्ययन के अनुसार नर चूहों में इससे सूजन हुई। मादा चूहोंं में माइक्रोग्लिया का असर नहीं हुआ आर वे शांत रहीं। उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
एस्ट्रोजन कारक
शोधकर्ताओं ने एस्ट्रोजन को दर्द में ***** अंतर को जिम्मेदार बताया। एक हार्मोन जो गर्भाशय, अंडाशय और स्तनों के विकास को नियंत्रित करता है और जो मासिक चक्रको नियंत्रित करता है। एस्ट्रोजन अपनी एकाग्रता और स्थान के आधार पर दर्द को तेज या धीरे कर सकता है। 2011 और 2015 के अध्ययन में सोरगे ने नर चूहों का परीक्षण किया, जिसमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम था तो उसने मादाओं के समान प्रतिक्रिया प्रदर्शित की।
हार्मोन होते हैं अलग
महिलाओंं और पुरुषों में अलग-अलग हार्मोन होते हैं। उन्हें दर्द भी एक जैसा महसूस नहीं होता है। कई बीमारियां महिलाओं मेंं आम होती है माइग्रेन, फाइब्रोमायल्जिया। इसमें दर्द जगह बदलता रहता है। कभी हाथ में तो कभी पैर में तो कभी कमर में दर्द होता है। स्त्री-पुरुष के शरीर की संरचना अलग है। ऐसे में दर्द में भी भिन्नता होती है।
डॉ. गौरव शर्मा, पेन फिजिशियन
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