कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता : इस उम्र में महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति बनना और पुरुषों में प्रोस्टेट के बढ़ने जैसे बदलाव अहम हैं। इनके अलावा नजर कम होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से एलर्जी, दमा, मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हाई बीपी के कारण हृदय व दिमाग के कार्य प्रभावित होने से व्यक्तिकी सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता घटने लगती है।
इन रोगों की आशंका : अब तक संक्रमण या मौसमी बदलाव से फैलने वाले रोगों के लिए विशेषज्ञ प्रिवेंटिव डोज देते थे लेकिन इन दिनों बिना संक्रमण से होने वाले रोग जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, डिमेंशिया, ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए भी प्रिवेंटिव डोज लेने की सलाह दी जाने लगी है। ऐसा उन मामलों में ज्यादा है जिन्हें आनुवांशिक रूप से या खराब लाइफस्टाइल के कारण इन रोगों की आशंका रहती है।
सावधानी बरतें : गंभीर रोगों से बचने के लिए खानपान को व्यवस्थित रखें, 30 मिनट का फिजिकल वर्कआउट जैसे मॉर्निंग वॉक, ब्रिस्क वॉक, रनिंग आदि जरूर करें। समय-समय पर बीपी व ब्लड शुगर की जांच कराएं। वजन नियंत्रित रखें ताकि जोड़ों के अलावा हृदय पर दबाव न बने।