नई दिल्ली। सालों से इस बात पर चर्चा होती रही है कि कौन सा खेल सबसे फिट एथलीट पैदा करता है? किस खेल में सबसे कठिन प्रशिक्षण होता है? किसके पैरों की मांसपेशी सबसे मजबूत होती है और किसकी भुजाओं में सबसे अधिक ताकत होती है?
ऐसा लगता है कि इस सवाल का जवाब ढूंढ लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के इवोवेशन पार्टनर लॉफबॉरो विश्वविद्यालय का मानना है कि रायपुर में नवम्बर-दिसम्बर में होने वाले एफआईएच हॉकी वल्र्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) फाइनल के दौरान दुनिया के सबसे फिट एथलीट अपना जलवा बिखेरेंगे। यहां बताना जरूरी है कि लॉफबॉरो विश्वविद्यालय की पहचान विश्व के शीर्ष खेल विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में है।
लॉफबॉरो विश्वविद्यालय के खेल वैज्ञानिकों ने 2014 हॉकी विश्व कप पर नजर डाली और इसे मद्देनजर बनाकर एक शोध किया। इस शोध में मुख्य रूप से दो बातों पर ध्यान दिया गया।
पहला एक मैच के दौरान दौड़कर तय की गई दूरी और दूसरा, दौड़ के दौरान बरकरार रखी गई तीव्रता। इसके बाद वैज्ञानिकों ने इन हॉकी खिलाडिय़ों की तुलना बाकी के टीम खेलों से की। इनमें रग्बी-7 और फुटबाल प्रमुख हैं।
इस शोध के परिणाम उन लोगों के लिए चौंकाने वाले नहीं थे, जो या तो हॉकी देखते हैं या फिर खेलते हैं। औसत रूप से एक हॉकी खिलाड़ी मैदान पर फुटबाल और रग्बी-7 खिलाडिय़ों से अधिक दूरी तय करता है और इस प्रक्रिया के दौरान वह इन खेलों के खिलाडिय़ों से अधिक तीव्रता बरकरार रखता है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि एक रग्बी-7 खिलाड़ी एक मिनट में पूरी तीव्रता से औसतन 94 मीटर दूरी तय करता है। फुटबाल खिलाड़ी इतने समय में पूरी तीव्रता के साथ 125 मीटर दूरी तय करता है लेकिन एक हॉकी खिलाड़ी द्वारा इतने समय मे तय की गई दूरी हैरतअंगेज रूप से 140 मीटर से अधिक है।
याद रहे कि इसमें सभी प्रकार के एक्शन शामिल हैं। मसलन, एक स्पिं्ट के बाद मुड़कर दौडऩा, विपक्षी खिलाड़ी के साथ गेंद पाने के लिए तेजी से भागना और आक्रमण की रूपरेखा भी तय करना। आमतौर पर सबसे फिट खिलाड़ी उसी को माना जाता है, जो कम समय में अधिक तीव्रता के साथ अधिक दूरी तय करता है।
एक फुटबाल खिलाड़ी पूरे मैच के दौरान पूरी तीव्रता के साथ सिर्फ नौ मिनट मैदान में भागता है। इस दौरान उसके दिल की धड़कन अपनी अधिकतम सीमा के 85 से 90 फीसदी करीब होती है लेकिन एक हॉकी खिलाड़ी मैच के 30 से 40 फीसदी समय तक ऐसा करता है। एक रग्बी खिलाड़ी ऐसा 20 फीसदी समय तक कर पाता है।
मैदान में अधिकतम तीव्रता के दौरान एक हॉकी खिलाड़ी की रफ्तार 19 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। एक मैच के दौरान एक हॉकी खिलाड़ी आठ से नौ किलोमीटर दौड़ता है। फुटबाल खिलाड़ी हालांकि 10 किलोमीटर से अधिक भागते हैं लेकिन यहां याद रखने की बात यह है कि फुटबाल 90 मिनट का खेल होता है जबकि हॉकी 60 मीटर का।
और सबसे अहम बात यह है कि हॉकी कभी रुकती नहीं है। मसलन, फुटबा के फ्रीकिक के दौरान पूरी प्रक्रिया रुक जाती है लेकिन हॉकी में ऐसा नहीं होता है। साथ ही इसमें स्टॉपेज टाइम भी कम होता है जबकि फुटबाल में अधिक होता है। रग्बी में भी खेल हर फाउल पर रुकता है। इसका मतलब यह है कि कम समय में हॉकी खिलाड़ी फुटबाल खिलाडिय़ों से अधिक भागते हैं।
मिशिगन के ग्रैंड वैली स्टेट यूनिवर्सिटी के मूवमेंट साइंस डिपार्टमेंट के डीन जेफ पोटिगर ने समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट से कहा, सबसे पहले हमें यह बताना होगा कि ‘फिटेस्ट’ का क्या मतलब है? इसमें कार्डियोवस्क्यूलर, एनारोबिक पावर, मस्क्यूलर स्ट्रेंथ, मसल इंड्योरेंस और बॉकी कम्पोजीशन पर ध्यान दिया जाता है।
जेफ ने कहा कि फुटबाल खिलाड़ी मैदान में अधिक चपल होते हैं और उनमें रफ्तार भी अधिक होती है लेकिन जहां तक शक्ति की बात है तो मुक्केबाज सबसे फिट होते हैं। लेकिन जब आप किसी और खेल को देखते हैं तो फिर हॉकी खिलाड़ी बाकी सबसे आगे निकल जाते हैं।
बकौल जेफ, हॉकी खिलाडिय़ों में लचरता, शक्ति, शानदार शारीरिक संतुलन और संयोजन, बेहतरीन कार्डियोवस्क्यूलर फिटनेस होती है। यही कारण है कि हॉकी खिलाडिय़ों को सबसे फिट खिलाडिय़ों की सूची में सबसे ऊपर रखा जा सकता है।