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बढ़ती उम्र के साथ समय पर हो लक्षणों की पहचान तो रहेंगी स्वस्थ और निरोगी

ज्यातादर महिलाएं अपने घर-परिवार में व्यस्त होने के कारण अपनी सेहत (health) पर ध्यान नहीं दे पातीं। ऐसे में उम्र के साथ होने वाले शारीरिक, मानसिक व हार्मोनल बदलाव से कई रोगों की आशंका बढ़ जाती है। व्यायाम, सही दिनचर्या व पौष्टिक खानपान से सेहतमंद रहा जा सकता है। यह तभी संभव है जब महिलाएं अपने लिए समय निकालें।

Nov 26, 2020 / 03:30 pm

जमील खान

Old Age

ज्यातादर महिलाएं अपने घर-परिवार में व्यस्त होने के कारण अपनी सेहत (health) पर ध्यान नहीं दे पातीं। ऐसे में उम्र के साथ होने वाले शारीरिक, मानसिक व हार्मोनल बदलाव (hormonal changes) से कई रोगों की आशंका बढ़ जाती है। व्यायाम, सही दिनचर्या व पौष्टिक खानपान से सेहतमंद रहा जा सकता है। यह तभी संभव है जब महिलाएं अपने लिए समय निकालें।

ये होती दिक्कतें
हार्मोनल बदलाव से अनियमित पीरियड्स की शिकायत, कमजोरी से स्वभाव में चिड़चिड़ापन व थकान, ब्लड प्रेशर (blood pressure), डायबिटीज (diabetes) व तनाव की तकलीफ, कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होना, कमर-जोड़ोंं में दर्द, एस्ट्रोजन कम बनने से मनोरोग, गर्भाशय व ब्रेस्ट संबंधी रोगों की आशंका, मेनोपॉज शुरू होने से हृदय रोगों, एनीमिया आदि की दिक्कत हो सकती है।

2 घंटे दोपहर में बायीं करवट से लेटें, हृदय रोगों से बचाव होगा।

35-40 साल की उम्र के दौरान रोजाना दूध जरूर पीना चाहिए।

अहम कारण
हार्मोन्स में बदलाव होना मुख्य कारण है। इसके अलावा प्रमुख रूप से छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज करना भी बड़ी बीमारी की वजह बनता है। खानपान पर ध्यान न दे पाना, कमजोर इम्युनिटी, पर्यावरण में बदलाव और प्रदूषण भी कई रोगों की आशंका बढ़ाता है। धूम्रपान, जंक फूड और तनाव भी वजह हैं।

ऐसे रह सकती हैं फिट
नियमित संतुलित व पौष्टिक डाइट लें। हरी पत्तेदार सब्जियां व मौसमी फल खाएं। एंटीऑक्सीडेंट्स, कैल्शियम व फाइबर युक्त चीजें लें। 35 से 40 साल की उम्र में रोज दूध पीएं। 45 मिनट वर्कआउट रोज करें। इससे रोगों की आशंका 50 फीसदी घट जाती है। स्विमिंग, एरोबिक्स, साइक्लिंग, रस्सीकूद, वॉक-जॉगिंग करें। तनाव से बचने के लिए योग, प्राणायाम व ध्यान करें। खाली पेट बिल्कुल न रहें। रोजाना 8 घंटे और दोपहर में बायीं करवट से 2 घंटे की नींद लें।

-ब्लड प्रेशर की जांच अन्य रोगों से बचाएगी।
-मेमोग्राफी टैस्ट से ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता लग सकेगा।
-गर्भाशय संबंधी समस्या की पहचान के लिए पैप स्मियर टैस्ट हर तीन साल में कराना चाहिए।
-पांच साल में एक बार थायरॉइड टैस्ट।
-वजन न बढऩे दें।
-हड्डियों की मजबूती का पता बीएमडी टैस्ट से चलता है।

ध्यान रखें : घी के साथ बिना पोलिश के चावल, जौ का दलिया, घी लगी जौ की रोटी, चावल मिश्री घी यदि खाती हैं तो हैल्दी रह सकती हैं।

खुद के लिए कुछ खास संकल्प लेकर रहें फिट

घर परिवार की जिम्मेदारियों के बीच आपको खुद के लिए भी कुछ संकल्प लेने की जरूरत है। इससे आप, अपने साथ परिजनों की सेहत का भी बखूबी खयाल रख पाएंगी। यदि आपने सेहत का संकल्प नहीं लिया है तो जानिए अब भी क्या खास कर सकती हैं आप:

रोजाना सलाद खाएं
-डायटिंग के चक्कर में शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्त्वों से भरपूर चीजों को न भूलें। चिकित्सकीय रूप से भी सभी पोषक तत्त्व एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं।
-सेहतमंद रहने के साथ खूबसूरती बरकरार रखने के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स, सूखे मेवे और किसी भी रूप में तरल पदार्थ ज्यादा पीएं।
-रोजाना एक मौसमी फल खाने की आदत डालें। यदि नहीं खा पा रही हैं तो एक कटोरी टमाटर, खीरा, ककड़ी आदि का सलाद जरूर खाएं।

काम से हटकर कुछ नया करें
-सकारात्मक सोच बरकरार रखने के लिए कोई किताब पढ़ें।
-छह माह या सालभर में कुछ दिनों के लिए फैमिली संग घूमने जाएं।
-बढ़ती उम्र के बारे में ज्यादा न सोचें, खेलकूद में शामिल रखें।
-योग, डांस या मेडिटेशन क्लास में खुद का रजिस्ट्रेशन कराएं।
-तनाव दूर करने के लिए हंसें। इसके लिए सुबह के समय पार्क में अन्य लोगों के साथ लाफ्टर प्रेक्टिस करें या कुछ देर कॉमेडी वीडियो देखें।

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