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बॉडी एंड सॉल

अगर आप भी ज्यादा करते हो हेडफोन का इस्तेमाल तो जानें ये खास बातें

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6 years ago
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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ऐसे लोग जो लगातार ज्यादा डेसिबल लेवल वाले शोर में रहते हैं, उनमें बहरेपन का खतरा ज्यादा होता है। हमारा शरीर 80 डेसिबल लेवल तक शोर बर्दाश्त कर सकता है और इससे ज्यादा का शोर खतरनाक हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 15 मिनट तक भी लाउड म्यूजिक सुनने पर बहरा होने का खतरा पैदा हो सकता है।
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