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सांस और कफ की तकलीफ में रामबाण है वमन क्रिया

locationजयपुरPublished: Feb 20, 2019 09:05:58 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

वसंत शीत से ग्रीष्म ऋतु के बीच का समय होता है। इस समय दोनों ऋतुओं का थोड़ा-थोड़ा असर होता है। कफ की समस्या अधिक होती है। खानपान में संयम जरूरी है। जठराग्रि कमजोर होने से पाचन सही नहीं रहता है।

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सांस और कफ की तकलीफ में रामबाण है वमन क्रिया

वसंत ऋतु में सांस, और कफ की तकलीफ में राहत के लिए वमन क्रिया कराते हैं। इस क्रिया से पहले स्नेहन और स्वेदन कराते हैं। स्नेहन दो प्रकार से करते हैं। इसमें घृत, तेल से मालिश की जाती है। स्वेदन में शरीर से पसीने के माध्यम से विकार निकालने की प्रक्रिया कराते हैं। इसके बाद भाप स्नान कराते हैं। फिर विरेचन क्रिया से शरीर में कफ शोधन कराते हैं।

मुलैठी एवं शहद का विशेष काढ़ा पिलाते

मुलैठी एवं शहद का पेय, विशेष काढ़ा भी दिया जाता है और व्यक्ति को उल्टी कराकर वमन क्रिया पूरी कराते हैं। यह क्रिया खांसी, सर्दी, दमा के लक्षण, ज्वर, मिचली, भूख की कमी, खून की कमी, चर्म रोग, मिर्गी, त्वचा रोग, एसिडिटी के लिए भी करते हैं। वमन के बाद विश्राम कराते हैं। इससे श्वसन क्रिया सुचारु होती व सीने में हल्कापन आता है। इस दौरान स्नान, पानी पीने व अन्य कार्यों के लिए गरम का ही प्रयोग करें। साथ ही दिन में सोना और देर रात तक जागना नहीं चाहिए।

-डॉ. महेश कुमार शर्मा, पंचकर्म विशेषज्ञ, एसआर राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर

 

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