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कई बीमारियों में कारगर है कंकोड़ा

locationजयपुरPublished: Jun 20, 2019 12:12:44 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

कंकोड़ा वर्षा ऋतु में मिलते हैं। ये प्रायः पथरीली जमीन पर उगते हैं एवं एक दो महीने के लिए ही आते हैं। अंदर से सफेद एवं नरम बीजवाले कंकोड़ा का ही सब्जी के रूप में प्रयोग करना चाहिए।

Kankoda

Kankoda

नरम बीजवाले कंकोड़ा का ही सब्जी के रूप में प्रयोग करना चाहिए
बड़े बेर जैसे गोल एवं बेलनाकार, बारीक कांटेदार, हरे रंग के कंकोड़ा वर्षा ऋतु में मिलते हैं। ये प्रायः पथरीली जमीन पर उगते हैं एवं एक दो महीने के लिए ही आते हैं। अंदर से सफेद एवं नरम बीजवाले कंकोड़ा का ही सब्जी के रूप में प्रयोग करना चाहिए। इसका स्वाद में कड़वे कसैले, कफ एवं पित्तनाशक, रूचिकर्ता, शीतल, वायुदोषवर्धक, रूक्ष, मूत्रवर्धक, पचने में हलके जठराग्निवर्धक एवं शूल, खाँसी, श्वास, बुखार, कोढ़, प्रमेह, अरुचि पथरी तथा हृदयरोगनाशक है।
पत्तों का लेप लाभप्रद
कंकोड़ा की सब्जी बुखार, खांसी, श्वास, उदररोग, कोढ़, त्वचा रोग, सूजन एवं मधुमेह के रोगियों के लिए ज्यादा हितकारी है। श्लीपद (हाथीपैर) रोग में भी खेखसा का सेवन एवं उसके पत्तों का लेप लाभप्रद है। जो बच्चे दूध पीकर तुरन्त उलटी कर देते हैं, उनकी माताओं के लिए भी कंकोड़ा की सब्जी का सेवन लाभप्रद है।
औषधीय प्रयोग किया जाता है
कड़वा व मीठा दोनों तरह के कंकोड़ों का औषधीय प्रयोग किया जाता है। फाइबरयुक्त कंकोड़ा वजन घटाने के साथ हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। मलेरिया, बुखार व सांस के रोगों में यह फायदेमंद है। इसकी जड़ का महीन पेस्ट बनाकर पानी या दूध के साथ लेने से पथरी नष्ट होकर निकल जाती है। मुंहासों पर इसके पत्तों को पीसकर लगाएं, राहत मिलेगी।
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