एक जांच देती है कई अहम जानकारियां –
व्यक्ति में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल का स्तर, किडनी व लिवर की कार्यक्षमता से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए यह टैस्ट करवाते हैं। कुछ मामलों में ब्लड में कैल्शियम और प्रोटीन के लेवल को जानने के लिए भी इस टैस्ट की मदद लेते हैं। इस जांच में ग्लूकोज, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, कैल्शियम, एल्बुमिन, बाइकार्बोनेट, क्रिएटिनिन, क्लोराइड, पोटैशियम और सोडियम के स्तर का पता लगाया जाता है।
किसके लिए जरूरी –
45 साल से अधिक उम्र के लोग यह टैस्ट जरूर कराएं। आनुवांशिक कारणों, अधिक वजन वाले, स्मोकिंग और अल्कोहल पीने वालों को हर छह माह के अंतराल में यह टैस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
खाली पेट कराएं जांच –
जांच कराने से लगभग 8-10 घंटे पहले से व्यक्ति का खाली पेट होना अनिवार्य होता है। यदि कोई व्यक्ति किसी रोग के लिए मेडिकेशन पर है तो जांच से पहले डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। टैस्ट की रिपोर्ट 4-5 घंटे में मिल जाती है।
ऐसे घटेगा खतरा –
लाइफस्टाइल डिजीज से बचने के लिए रोजाना 45 मिनट पैदल चलें। वर्कआउट के साथ-साथ योग और ध्यान भी नियमित करें। डाइट में कार्बोहाइटे्रड, फैट और कैलोरी काफी कम मात्रा में मौजूद हो।