इसे बना लें आदत –
टहलने से आपका मूड फ्रेश बना रहता है और तनाव कम होता है। इससे रात में नींद भी अच्छी आती है। जोड़ों को मजबूत और फिट रखने के लिए टहलना जरूरी है। इससे ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी रोग और कैंसर का खतरा भी कम होता है।
साथ हो तो क्या बात –
टहलने की गति आपको खुद निर्धारित करनी चाहिए। जिस गति से आप आराम से टहल सकते हैं, उसी गति से टहलें। टहलते हुए शरीर ढीला व सहज रखें। इसे किसी तरह का बोझ न समझें, बल्कि टहलते हुए कुदरत का आनंद लें। आप चाहें तो अपने परिवार और मित्रों के साथ सामूहिक रूप से भी टहल सकते हैं। किसी साथी के साथ बात करते हुए टहलने से आपका समय भी कट जाएगा और आप टहल भी लेंगे।
इन बातों का रखें ध्यान –
हृदय रोगियों को तेज गति से टहलने से बचना चाहिए। अगर आपको किसी खास मौसम से एलर्जी है, तो पूरे बचाव के साथ ही घर से निकलें। टहलते समय आपको मोबाइल फोन पर बात करने से भी बचना चाहिए। टहलने के दौरान आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए, जिससे कि आप पूरी तरह रिलेक्स महसूस करें।
इतना तो टहल ही लें –
योगा विशेषज्ञ के अनुसार डिनर के बाद एकदम से टहलने के लिए ना निकलें क्योंकि इस दौरान ब्लड का फ्लो डाइजेस्टिव सिस्टम(पाचनतंत्र) की तरफ हो जाता है। 10-15 मिनट बाद ही टहलने जाएं। आप 15 मिनट से लेकर आधा घंटे तक टहल सकते हैं। चाहें तो अपने बेबी को स्ट्रॉलर में लेकर भी टहलने के लिए जा सकते हैं। इससे बेबी और आप दोनों ही हैल्दी व फिट रहेंगे।