नुकसान : मच्छर के लिए जलाने वाली कॉइल का धुंआ लगातार फेफड़ों में जाने से अस्थमा की शिकायत, सीओपीडी (फेफड़ों संबंधी रोग), आंखों में मोतियाबिंद व कान, नाक, गले संबंधित रोग हो सकते हैं। इसके अलावा अगर कमरा छोटा हो और हवा निकलने की ठीक व्यवस्था ना हो, तो ऑक्सीजन की कमी और कार्बन मोनो ऑक्साइड की अधिकता के कारण दम भी घुट सकता है।
ऐसे करें इस्तेमाल –
इन्हें खतरा ज्यादा : कॉइल के धुएं से सबसे ज्यादा नुकसान गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को हो सकता है।
ये करें : कॉइल जलाते समय खिड़की-दरवाजे खोल दें या इसे जलाकर कमरे को बंद कर बाहर चले जाएं और आधे घंटे बाद खिड़की व दरवाजे खोलकर पंखा चला दें।