भ्रम : पीरियड के दौरान महिला को अपवित्र क्यों कहते हैं ?
सच : वैज्ञानिक तौर पर यह कहीं नहीं कहा गया है कि पीरियड के दौरान महिला अपवित्र हो जाती है। इसके पीछे कारण यह है कि महिलाओं को सामान्य दिनचर्या के दौरान मेहनत वाले काम, वजन उठाने से दिक्कतें हो सकती हैं। पहले सेनेटरी पैड भी नहीं होते थे। इसलिए उन्हें घर के बाकी हिस्सों से दूर रखते थे ताकि आराम मिले।
भ्रम : पपीता खाने से गर्भपात हो सकता है।
सच : आयुर्वेद इसे सही मानता है। इसके पीछे कारण यह है कि जिनका यूट्रस कोमल होता है उन्हें पपीता खाने से बचना चाहिए। कच्चे पपीता में एक ऐसा एंजाइम पाया जाता है जो जानवरों में गर्भपात के लिए जिम्मेदार होता है, हालांकि अधिकांश चिकित्सक इसे सही नहीं मानते हैं।
भ्रम : मां को डायबीटीज है तो बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहिए?
सच : बिल्कुल गलत है। मां को अपने शिशु को दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चे की सेहत पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ता है। मां को शुगर का स्तर नियंत्रित व खानपान अच्छा रखना चाहिए।
भ्रम : ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला घर से बाहर न निकले, चाकू आदि को हाथ न लगाए और कुछ न खाए, ऐसा क्यों।
सच : ग्रहण लगने के समय पर कुछ अल्ट्रावॉयलट किरणें निकलती हैं और कुछ किरणें ब्लॉक भी हो जाती हैं। ऐसा मानना है कि गर्भस्थ बच्चे को नुकसान हो सकता है लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है।
भ्रम : क्या गर्भवती को बादाम, केसर, संतरा या नारियल खाने व नारियल पानी पीने से बच्चा गोरा होता है?
सच : इनको खाने से गर्भस्थ शिशु के गोरा होने का कोई संबंध नहीं है। विटामिन सी युक्त चीजें त्वचा को स्वस्थ व चमकदार बनाती हैं। इसलिए इनको खाने बच्चे की त्वचा अच्छी होती है। मां तनाव में नहीं आना चाहिए।