को रोनरी आर्टरी हार्ट तक खून पहुंचाती है। इनमें प्लाक के जमने की प्रक्रिया को ‘थिरोस्क्लेरोसिस’ कहा जाता है जिसमें कई साल लग जाते हैं। इसके बनने और बढऩे की अवस्था को आसानी से पहचाना जा सकता है। हालांकि नजरअंदाज करने के कारण वर्तमान में ये अवस्था अचानक और घातक हार्ट अटैक या हृदयाघात के रूप में सामने आती है।
कैसे होता है हार्ट अटैक : 6 चरण-एक परिणाम
खून में बहता हुआ कोलेस्ट्रॉल धमनियों की दीवारों में घुसने लगता है।
हमारा इम्यून सिस्टम ‘मैक्रोफैजेस’ नाम की सफेद रक्त कोशिकाओं को कोलेस्ट्रॉल को खाने के लिए भेजता है। ये कोशिकाएं कोलेस्ट्रॉल को हजम करके फूल जाती हैं और फोम सेल्स बन जाती हैं।
फोम सेल्स एक-दूसरे पर जमा होती रहती हैं और ये प्लाक का बड़ा हिस्सा बन जाती हैं।
धमनियों की दीवारों को चिकना बनाए रखने के लिए नरम मांसपेशी वाली कोशिकाएं एक कठोर रेशेदार सतह बना देती हैं जिसे ‘कैप’ कहते हैं।
प्लाक में मौजूद फोम सेल्स ऐसा रसायन छोड़ती हैं जो ‘कैप’ को कमजोर करता है।
अगर कैप टूट जाए या दरारें पड़ जाएं तो अंदर मौजूद फैटी एसिड बाहर निकल जाता है। वहां खून में मौजूद प्लेटलेट्स पहुंच जाती हैं और प्लाक के चारों ओर जमा होकर थक्का बनाती हैं।
परिणाम: आखिर में जब थक्का पूरी तरह से धमनी को ब्लॉक कर देता है और हृदय तक रक्त का प्रवाह रुक जाता है तो ऐसी अवस्था में अचानक हार्ट अटैक आता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
हृदय में धीमा दर्द
सीने में जलन और दर्द
एक या दोनों हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द
बेचैनी के साथ सांस का उखडऩा
ठंडा पसीना आना
चक्कर
झटके
जब दिल में होता है दर्द
धमनी का ब्लॉकेज हृदय तक खून और ऑक्सीजन आपूर्ति रोक देता है जिससे अचानक हृदय में क्षति और दर्द होता है।
तेज दर्द उठने के बाद करीब २० से ४० मिनट में हृदय की मांसपेशियां नष्ट होने लगती हंै। ६-८ घंटे तक मांसपेशियां नष्ट होती रहती हंै।
मृत मांसपेशियां लगातार काले ऊतकों में बदलती जाती हंै।