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देर रात तक जागना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना है नुकसानदायक, जानें यहां

Published: Apr 17, 2018 03:11:23 pm

जो लोग देर रात तक बिस्तर से दूर रहते हैं और सुबह देर तक सोते रहते हैं, वे जल्दी उठने वालों की तुलना में कम जीते हैं।

late night
आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ ने इंसान की दिनचर्या को पूरी तरह बदल दिया है। पहले के समय में लोग शाम को जल्दी सो जाते थे और सुबह भी जल्दी उठते थे। इसके साथ ही आपने गौर किया गया होगा पहले के लोगों की उम्र भी आज की तुलना में ज्यादा हुआ करती थी। देर रात जागने और सुबह लेट उठने से होने वाले नुकसान के उपर जब रिसर्च की गई तो पता चला कि जो लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह देर तक सोते रहते हैं, उनमें जल्दी सोने और जल्दी जागने वालों की तुलना में मरने की आशंका 10 प्रतिशत अधिक होती है। इसके अलावा जो लोग देर रात तक बिस्तर से दूर रहते हैं और सुबह देर तक सोते रहते हैं, वे जल्दी उठने वालों की तुलना में कम जीते हैं।
इस बात का खुलासा हाल ही में ब्रिटेन में किए गए एक सर्वे में किया गया। यह रिसर्च 38 साल से लेकर 73 साल के 4 लाख 30 हजार लोगों पर की गई। इस बारे में इंग्लैंड की सर्री (surrey) यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और रिपोर्ट के सह-लेखक मैल्कम वैन शेंटज का कहना है कि यह लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा मसला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वहीं शिकागो की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर और रिपोर्ट के सह-लेखक क्रिस्टन कुनटसन का कहना है कि रात में जागने वालों लोगों में शारीरिक समस्याएं भी अधिक होती हैं।
रिसर्च में शामिल करीब 27 प्रतिशत लोगों ने अपने आपको पूरी तरह से सुबह काम करने वाला व्यक्ति बताया, वहीं 35 प्रतिशत ने खुद को काफी काम सुबह तो कुछ काम शाम में करने वाला बताया। 28 प्रतिशत लोगों का यह मानना है कि वे शाम की वक्त ज्यादा और सुबह कम काम करते हैं, जबकि 9 प्रतिशत लोग पूरी तरह से अपने आप को शाम काम करने वाला व्यक्ति मानते है। इस रिसर्च में साढ़े 6 साल के दौरान इनमें हुई मौतों का विवरण भी तैयार किया गया। इस दौरान कुल 10 हजार 500 मौतों के आंकड़े सामने आए।
रिसर्च में पाया गया कि जो लोग देर रात तक जागते है उनमें मृत्यु की आशंका, सुबह उठने वाले समूह की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा देर रात तक जागने वाले लोग डायबिटीज, पेट और सांस की तकलीफ, मनोवैज्ञानिक विकार, कम नींद की समस्या से भी ग्रस्त होते हैं। साथ ही ये लोग धूम्रपान, शराब, कॉफी और ड्रग्स का सेवन भी अधिक मात्रा में करते हैं। शोध के अनुसार इन लोगों में मौत का जोखिम इसलिए भी अधिक होता है क्योंकि देर से सोकर उठने की वजह से इनकी बायलॉजिकल क्लॉक अपने आसपास के वातावरण से मेल नहीं खाती।
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