हार्मोंस में बदलाव
अध्ययनों के अनुसार प्रत्येक 1000 महिलाओं में से हर 17वीं महिला अस्थमा से पीड़ित होती है। माहवारी से ठीक पहले लड़कियों के हार्मोन में बदलाव होने से अस्थमा अटैक का खतरा रहता है। वहीं, मेनोपॉज के समय महिलाओं में अस्थमा की आशंका दोगुनी हो जाती है।
मां से बच्चे पर असर नहीं
अस्थमा से प्रभावित महिला का सामान्य प्रसव हो सकता है और वह अपने बच्चे को फीड भी करा सकती है। साथ ही स्तनपान कराने पर मां से बच्चे में अस्थमा नहीं जाता है।