scriptप्रजनन हार्मोन के कारण ज्यादा होती है अस्थमा की दिक्कत | Problems of asthma are more due to reproductive hormones | Patrika News

प्रजनन हार्मोन के कारण ज्यादा होती है अस्थमा की दिक्कत

Published: Nov 04, 2017 07:39:12 pm

जिन महिलाओं को अस्थमा की समस्या होती है उन्हें फीमेल हार्मोन की वजह से पुरुषों की तुलना में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।

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जिन महिलाओं को अस्थमा की समस्या होती है उन्हें फीमेल हार्मोन की वजह से पुरुषों की तुलना में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।

महिलाओं में अस्थमा के मामले ज्यादा होने का कारण प्रजनन हार्मोन होता हैं। जब भी महिलाओं में अस्थमा रोग की बात होती है तो उन्हें माहवारी, गर्भधारण और मेनोपॉज जैसी चीजें सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। जिन महिलाओं को अस्थमा की समस्या होती है उन्हें फीमेल हार्मोन की वजह से पुरुषों की तुलना में ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
रात में खांसी ज्यादा होना
अस्थमा, सांस से जुड़ी बीमारी है जो फेफड़ों से जाने वाली श्वसन नलियों में सूजन पैदा करती है। जिससे सांस लेने में तकलीफ,छाती में अकड़न व रात में खांसी आना इसके लक्षण हैं।
इन बातों का ध्यान रखें
जिन महिलाओं को अस्थमा की समस्या होती है उन्हें फीमेल हार्मोन की वजह से पुरुषों के मुकाबले ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। एेसी महिलाओं को अस्थमा बढ़ाने वाली चीजों जैसे खाना बनाते समय बॉयोमास ईंधन, स्मोकिंग, शराब से बचने और पर्यावरणीय बदलावों के अलावा हर माह होने वाले बदलावों के लिए भी सतर्क रहना चाहिए।
फीडिंग मदर के लिए इनहेलर थैरेपी प्रभावी
अस्थमा से प्रभावित गर्भवती और फीडिंग मदर के लिए इनहेलर थैरेपी सुरक्षित होती है क्योंकि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। अस्थमा ग्रसित महिला को चाहिए कि वह माहवारी के दौरान होने वाले लक्षणों पर ध्यान दें और स्थिति गंभीर हो तो विशेषज्ञ से संपर्क कर उनके बताए अनुसार दवाएं ले।

हार्मोंस में बदलाव
अध्ययनों के अनुसार प्रत्येक 1000 महिलाओं में से हर 17वीं महिला अस्थमा से पीड़ित होती है। माहवारी से ठीक पहले लड़कियों के हार्मोन में बदलाव होने से अस्थमा अटैक का खतरा रहता है। वहीं, मेनोपॉज के समय महिलाओं में अस्थमा की आशंका दोगुनी हो जाती है।
मां से बच्चे पर असर नहीं
अस्थमा से प्रभावित महिला का सामान्य प्रसव हो सकता है और वह अपने बच्चे को फीड भी करा सकती है। साथ ही स्तनपान कराने पर मां से बच्चे में अस्थमा नहीं जाता है।

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