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तनाव जब अंगुली पकड़े, तभी उसे छिटक दें

Published: Apr 18, 2018 05:07:48 am

यह जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि ‘तनाव’ एक आदत से कहीं ज्यादा एक बड़ी बीमारी बन चुका है। यह बात अलग है कि यह सबको होता है और …

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यह जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि ‘तनाव’ एक आदत से कहीं ज्यादा एक बड़ी बीमारी बन चुका है। यह बात अलग है कि यह सबको होता है और सेहत पर इसका बुरा असर तब सामने आता है, जब रिश्ते बिगड़ते हैं या करियर खराब होता है। मानसिक तनाव के बहुत से प्रकार होते हैं जैसे- पैनिक डिसऑर्डर, ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर, फोबिया और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर। तनाव के हजारों कारण हैं और सैकड़ों रूप। इसके इलाज की बात करें तो जब तक हम खुद न सुधरें, कोई विशेष फायदा नहीं होगा। मन की इस अवस्था के लिए तन का उपचार करना बेकार है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉड्र्स ब्यूरो के आंकड़े कहते हैं भारत में आत्महत्या की राह चुनने वालों में ३० से कम उम्र के लोगों की संख्या सर्वाधिक है। इस आयु वर्ग में रोजाना कम से कम १२९ लोग आत्महत्या करते हैं।

रांची स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकिएट्री एंड एलायड साइंसेज के आंकड़े बताते हैं तनाव और मनोविकारों का इलाज कराने वालों में ३० फीसदी युवा आते हैं।

छात्रों की आत्महत्या के मामले में आईआईटी कानपुर पहले नंबर पर है।

तनाव के संकेतक

अमरीका के टेम्पल्स स्कूल ऑफ मेडिसिन की रिसर्च के अनुसार तनाव अल्जाइमर रोग का कारण बन सकता है। तनाव के दौरान शरीर में रासायनिक हार्मोन कोर्टिकोस्टेरॉयड का स्राव होता है। यह न्यूरोनल सेल को खत्म कर सकता है जो कि स्मरण शक्ति के लिए बहुत जरूरी है।

नई तकनीकें

एक स्टडी में पता चला है कि ईमेल, सोशल नेटवर्किंग, फोन कॉल्स के कारण किसी भी इंसान के आईक्यू (इंटीलीजेंट कोशंट)में दोगुनी गिरावट आ सकती है। तकनीक के कारण हर पीढ़ी के लोगों में ऐसी गलत आदतें बनती जा रही हैं जो तनाव बढ़ाने वाली होती हैं।

काम -रोजगार

कई आंकड़ों के अनुसार नौकरी करने वाले लगभग ७० फीसदी से ज्यादा लोग हर रोज तनाव में होते हैं। तनाव पर पर्दा डालने के लिए कॉर्पोरेट और मोटिवेशनल गुरु इसे पॉजिटिव टेंशन का नाम भले ही दे दें लेकिन तनाव फायदे कम और नुकसान ज्यादा करता है।

रिश्ते-व्यवहार

दुनिया में दो तिहाई से ज्यादा लोग पारिवारिक समस्याओं से परेशान हैं। यूरोप और अमरीका में तो रिश्तों का मतलब ही तनाव माना जाने लगा है। दुनिया संयुक्त से एकल परिवार की ओर बढ़ रही है तो उसके पीछे भी एक कारण रिश्तों में तनाव होना है। दिलचस्प बात यह है कि अवसाद संक्रामक बीमारी की तरह है।

निपटने के उपाय

खुश रहिए

तनाव में रहना या खुश रहना जितना परिस्थितियों पर निर्भर है उतना आपके स्वयं पर। मनोभाव के पीछे हार्मोन जैसे रसायन होते हैं तो आप सकारात्मक सोच व अनुशासन से खुश रहना, मन शांत रखना सीखकर तनाव घटा सकते हैं।

एक्सरसाइज कीजिए

घूमें, दौड़ें, जिम जाएं, योग-ध्यान या प्राणायाम करें क्योंकि करीब ४२ तरह की एक्सरसाइज करना फायदेमंद पाया गया है। अगर आपकी दिनचर्या में एक्सरसाइज के लिए समय नहीं है तो अपने काम के दौरान ही कुछ तरीके आजमाएं तो भी एक शुरुआत होगी।

व्यवस्थित रहिए

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार तनाव को शुरू होने से पहले ही काबू में करना समझदारी है। खुद पर लगाम लगाकर, अनुशासन में रहकर तनाव को घटाया जा सकता है। अपने काम, विचार, काम करने की टेबल, ऑफिस, घर व सामान को व्यवस्थित करके भी तनाव कम किया जा सकता है

‘मी टाइम’ फार्मूला

‘मी टाइम’ या ‘मेरा अपना वक्त’ दिनभर में एक ऐसा समय होता है जब आप अपनी पसंद या शौक को जीते हैं। अमरीका जैसे देशों में तनाव नियंत्रण के लिए ‘मी टाइम’ का फंडा बहुत प्रचलित है।

३१ प्रतिशत लोग हॉबी पूरी करके तनाव से मुक्ति पाते हैं।
२० प्रतिशत लोग कुछ खेलकर तनाव कम करते हैं।
४९ प्रतिशत संगीत सुनकर तनाव घटाते हैं।

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