script50-70 वर्ष की उम्र में खून की नलियां सिकुडऩे से दिल की दिक्कत | Shrinking of blood veins in age group of 55-70 means heart problems | Patrika News

50-70 वर्ष की उम्र में खून की नलियां सिकुडऩे से दिल की दिक्कत

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2018 04:47:37 am

पचास की उम्र के बाद शरीर का ढलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा है।

50-70 वर्ष की उम्र में खून की नलियां सिकुडऩे से दिल की दिक्कत

50-70 वर्ष की उम्र में खून की नलियां सिकुडऩे से दिल की दिक्कत

पचास की उम्र के बाद शरीर का ढलना एक स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता तो कमजोर होती ही है साथ ही कई बार खराब जीवन शैली व खान पान परे शानियों को बढ़ाने का काम करता है। महिलाओं में मेनो पॉज के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी बहुत तेजी से होने लगती है जिसके कारण जल्दी हड्डी टूटने की दिक्कत होने की आशंका बढ़ जाती है। जानें इस उम्र में कैसे ध्यान रखें-

रक्तनलिकाएं संकरी : रक्तनलिकाएं संकरी होने के कारण शरीर व ब्रेन में खून का संचार बाधित होता है। इससे हार्ट अटैक व पैरालिसिस का खतरा बढ़ ता है। कई बार शरीर में ऑक्सी जन की कमी होने से सांस संबंधी परे शानी भी हो सकती है। इसके अलावा बीपी, डायबि टीज, मोतिया बिंद, ऑस्टियोपोरोसिस व पुरुषों में प्रोस्टेट के बढऩे की दिक्कत भी आम तौर पर इस उम्र में अधिक होती है।

जीवनशैली बदलें : इन रोगों से बचने के लिए जीवन शैली में बदलाव जरूरी हैं। इसके लिए रोजाना योग व व्यायाम करें। तनाव कम करने के लिए कोई न कोई मान सिक गति विधि करें। स्मोकिंग से परहेज करें।

बगैर मलाई का 500 एमएल दूध रोजाना पिएं। अधिक तले-भुने व वसायुक्त खाने से परहेज करें। हरी सब्जियां, मौसमी फल व सलाद अधिक से अधिक खाएं। रात के खाने के बाद टहलें।

जांचें जरूरी : एहति यात के तौर पर स्व स्थ व्यक्तिको भी पांच वर्षों के अंत राल पर शुगर, लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल के साथ), ईसीजी, बोन डेंसिटी टैस्ट, महिला ओं को ब्रेस्ट व यूट्रस संबंधी व पुरुषों को प्रोस्टेट से जुड़ी जांचें करानी चाहिए।

उम्र के इस पड़ाव पर स्मो किंग से पूरी तरह से बचें क्योंकि ये कई कैंसर, फेफड़े और हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है।

– डॉ. प्रकाश केसवानी, प्रोफेसर मेडिसिन एंड एंडोक्रायनोलॉजिस्ट, एस एम एस हॉस्पिटल

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