रक्तनलिकाएं संकरी : रक्तनलिकाएं संकरी होने के कारण शरीर व ब्रेन में खून का संचार बाधित होता है। इससे हार्ट अटैक व पैरालिसिस का खतरा बढ़ ता है। कई बार शरीर में ऑक्सी जन की कमी होने से सांस संबंधी परे शानी भी हो सकती है। इसके अलावा बीपी, डायबि टीज, मोतिया बिंद, ऑस्टियोपोरोसिस व पुरुषों में प्रोस्टेट के बढऩे की दिक्कत भी आम तौर पर इस उम्र में अधिक होती है।
जीवनशैली बदलें : इन रोगों से बचने के लिए जीवन शैली में बदलाव जरूरी हैं। इसके लिए रोजाना योग व व्यायाम करें। तनाव कम करने के लिए कोई न कोई मान सिक गति विधि करें। स्मोकिंग से परहेज करें।
बगैर मलाई का 500 एमएल दूध रोजाना पिएं। अधिक तले-भुने व वसायुक्त खाने से परहेज करें। हरी सब्जियां, मौसमी फल व सलाद अधिक से अधिक खाएं। रात के खाने के बाद टहलें।
जांचें जरूरी : एहति यात के तौर पर स्व स्थ व्यक्तिको भी पांच वर्षों के अंत राल पर शुगर, लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल के साथ), ईसीजी, बोन डेंसिटी टैस्ट, महिला ओं को ब्रेस्ट व यूट्रस संबंधी व पुरुषों को प्रोस्टेट से जुड़ी जांचें करानी चाहिए।
उम्र के इस पड़ाव पर स्मो किंग से पूरी तरह से बचें क्योंकि ये कई कैंसर, फेफड़े और हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है।
– डॉ. प्रकाश केसवानी, प्रोफेसर मेडिसिन एंड एंडोक्रायनोलॉजिस्ट, एस एम एस हॉस्पिटल