ऐसे बढ़ता खतरा :
दरअसल छींक से शरीर को रोगी बनाने वाले बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं और ऐसा नहीं होने पर बैक्टीरिया अंदर ही रहते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं। वहीं छींक रोकने से मस्तिष्क की नसें फट सकती हैं या फिर कानों पर नकारात्मक असर पड़ने से सुनाई देने की शक्ति भी जा सकती है।
दरअसल छींक से शरीर को रोगी बनाने वाले बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं और ऐसा नहीं होने पर बैक्टीरिया अंदर ही रहते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं। वहीं छींक रोकने से मस्तिष्क की नसें फट सकती हैं या फिर कानों पर नकारात्मक असर पड़ने से सुनाई देने की शक्ति भी जा सकती है।
जबरदस्ती न रोकें :
सर्दी-जुकाम के अलावा एलर्जी के कारण भी छीकें आती है। ऐसे में जबरदस्ती इसे रोकने के बजाय घरेलू उपाय अपनाएं। जैसे लहसुन की कली, अदरक, कालीमिर्च खाएं जिससे बैक्टीरिया मर सकें।
सर्दी-जुकाम के अलावा एलर्जी के कारण भी छीकें आती है। ऐसे में जबरदस्ती इसे रोकने के बजाय घरेलू उपाय अपनाएं। जैसे लहसुन की कली, अदरक, कालीमिर्च खाएं जिससे बैक्टीरिया मर सकें।