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Stay Healthy – खेलोगे-कूदोगे तो रहाेगे फिट और मजबूत

locationजयपुरPublished: Feb 09, 2019 12:55:53 pm

खेलकूद में हिस्सा लेने वाले बच्चों का मस्तिष्क बीडीएनएफ प्रोटीन बनाता है, यह प्रोटीन नसों के जुड़ाव को मजबूत करता है

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Stay Healthy – खेलोगे-कूदोगे तो रहेंगे फिट और मजबूत

आजकल बच्चे पढ़ाई के दबाव, माता-पिता की डांट और भाई-बहनों से झगड़ों को लेकर तनाव में रहने लगे हैं। इसके लिए समाज के साथ-साथ उनके माता-पिता भी उत्तरदायी हैं जो उन्हें किताबी कीड़ा बना रहे हैं। नि:संदेह पढ़ना जरूरी है लेकिन आउटडोर गेम्स में हिस्सा लेने के कई सेहतमंद लाभ हैं।
मस्तिष्क का विकास
खेलकूद में हिस्सा लेने वाले बच्चों का मस्तिष्क बीडीएनएफ प्रोटीन बनाता है। यह प्रोटीन नसों के जुड़ाव को मजबूत करता है।

रोगों का मुकाबला
हवा, मिट्टी और पानी से लेकर कीचड़ में लथपथ होने से बच्चों की बैक्टीरिया से लडऩे की क्षमता बढ़ती है और वे कई सामान्य रोगों का आसानी से मुकाबला कर लेते हैं। यही वजह है कि गांव के बच्चे शहरी बच्चों के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं।
टीम भावना
बच्चे जब किसी टीम का हिस्सा होते हैं तो वे अपने लिए नहीं टीम के लिए खेलते हैं। इससे ईष्र्या-द्वेष का भाव घटता है और समूह में काम करने की भावना बढ़ती है।
धैर्य का भाव
खेलकूद बच्चों में अंतिम क्षण तक लडऩे की भावना पैदा करता है। इससे बच्चे प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना सीखते हैं जिससे उनमें धैर्य का भाव बढ़ता है।

सीखते हैं जल्दी
खेलने से बच्चों का दिमाग ज्यादा एक्टिव रहता है और वे चीजों को जल्दी व आसानी से सीख लेते हैं।
प्रतिस्पर्धा
खेलकूद में भाग लेने वाले बच्चे प्रतिस्पर्धी होते हैं। वे जीतना व हारना सीख लेते हैं और भविष्य में अवसाद जैसे मानसिक रोग से ग्रसित नहीं होते।

दर्द का अहसास
शिशु रोग विशेषज्ञ एंजेला होसकॉम के अनुसार खेलने वाले बच्चों का शरीर लचीला हो जाता है जिससे उन्हें चोट लगने पर ज्यादा दर्द नहीं होता।
हृदय व फेफड़े
खेल एक प्रकार का कार्डियो व्यायाम है इससे बच्चों का हृदय, ब्लड की पंपिंग में दक्ष होता है और फेफड़े ज्यादा मजबूत होते हैं।

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