किसी वक्त बुजुर्गों का मार्शल आर्ट मानी जाने वाली चीन की प्राचीन कला ताई-ची अब दुनिया भर में खूब लोकप्रिय हो रही है। हैल्थ कॉन्शस लोग डीप ब्रीदिंग के साथ कंट्रोल्ड मूवमेंट्स के कॉम्बीनेशन वाले इस मार्शल को बॉडी फिट रखने का एक अच्छा जरिया मान रहे हैं। शोधकर्ताओं ने कई अलग-अलग अध्ययनों में ताई ची के कई फायदे पाए हैं-
एरोबिक का विकल्प
नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के अध्ययन में ताई ची जो एरोबिक एक्सरसाइज के विकल्प के रूप में क्वालीफाई किया गया। इसमें पाया गया कि 68 किलोग्राम वजन का व्यक्ति एक घंटे तक ताई ची का अभ्यास करने पर 270 कैलोरी तक बर्न कर सकता है।
नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के अध्ययन में ताई ची जो एरोबिक एक्सरसाइज के विकल्प के रूप में क्वालीफाई किया गया। इसमें पाया गया कि 68 किलोग्राम वजन का व्यक्ति एक घंटे तक ताई ची का अभ्यास करने पर 270 कैलोरी तक बर्न कर सकता है।
हार्ट का मददगार
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं के मुताबिक हार्ट डिजीज के रोगी इसके अभ्यास से कार्डियोवैस्कूलर लाभ उठा सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के वैज्ञानिकों ने 33 से 55 साल की महिलाओं पर किए अध्ययन में पाया कि तीन महीनों तक दिन में तीन बार ताई ची करने वाली महिलाओं का हैल्थ संतुलन अच्छा रहा।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं के मुताबिक हार्ट डिजीज के रोगी इसके अभ्यास से कार्डियोवैस्कूलर लाभ उठा सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के वैज्ञानिकों ने 33 से 55 साल की महिलाओं पर किए अध्ययन में पाया कि तीन महीनों तक दिन में तीन बार ताई ची करने वाली महिलाओं का हैल्थ संतुलन अच्छा रहा।
हडि्डयाें का रक्षक
हांगकांग की चाइनीज यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन में पाया गया कि रजोनिवृत्ति के बाद जिन महिलाओं ने सालभर तक हफ्ते में कम से कम पांच बार ताई ची का अभ्यास किया उनकी हड्डियां इसकी प्रैक्टिस नहीं करने वालों की तुलना में ज्यादा मजबूत थीं।
हांगकांग की चाइनीज यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन में पाया गया कि रजोनिवृत्ति के बाद जिन महिलाओं ने सालभर तक हफ्ते में कम से कम पांच बार ताई ची का अभ्यास किया उनकी हड्डियां इसकी प्रैक्टिस नहीं करने वालों की तुलना में ज्यादा मजबूत थीं।
दर्द निवारक
दक्षिण कोरिया की एक वैज्ञानिक टीम ने ओस्टियोआर्थरइटिस से पीडि़त कई मरीजों पर गहन अध्ययन किया और उन्हें ताई ची की प्रैक्टिस करने के लिए प्रेरित किया। तीन महीने बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि इसकी प्रैक्टिस करने वाले मरीजों को दर्द में काफी राहत मिली थी।
दक्षिण कोरिया की एक वैज्ञानिक टीम ने ओस्टियोआर्थरइटिस से पीडि़त कई मरीजों पर गहन अध्ययन किया और उन्हें ताई ची की प्रैक्टिस करने के लिए प्रेरित किया। तीन महीने बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि इसकी प्रैक्टिस करने वाले मरीजों को दर्द में काफी राहत मिली थी।