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जिगर का थोड़ा खयाल रखिए?

Published: Apr 24, 2018 04:54:37 am

लीवर का काम करने का आधार शरीर के मेटाबॉलिज्म से सम्बन्धित होता है। इसलिए देर से सोना और रात को देर तक जागना लीवर के लिए…

liver

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अंग्रेजी में लीवर, हिन्दी में यकृत, और उर्दू में जिगर कहलाने वाला यह मानव अंग पाचन प्रणाली का सर्वेसर्वा है। इसके बिना खाना पचाना नामुमकिन है। लेकिन भागदौड़ वाली जीवनशैली में जिगर का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है।

लीवर का काम करने का आधार शरीर के मेटाबॉलिज्म से सम्बन्धित होता है। इसलिए देर से सोना और रात को देर तक जागना लीवर के लिए नकारात्मक होता है।
सुबह पेशाब न करना या न आना भी लीवर के बीमार होने की एक बड़ी वजह है।

बहुत ज्यादा खाना या बहुत ज्यादा तैलीय और स्ट्रीट फूड लेना।
ज्यादा व्रत करना या भूखे पेट रहना या फिर लंबे समय तक भूखे पेट रहने के बाद एक साथ ढेरा सारा भोजन करना। यह लीवर पर तेजी से पाचन करने का दबाव बढ़ा देता है। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जिनमें प्रिजर्वेटिव, आर्टिफिशियल स्वीटनर जैसे कृत्रिम रसायन का प्रतिशत अधिक हो।

ज्यादा दवाओं के सेवन से साइड इफेक्ट्स के तौर पर लीवर की कार्यक्षमता में कमी।
पानी का कम उपयोग करना। बहुत अधिक शराब का सेवन करना।

यह निश्चित है कि इस आलेख को पढऩे के बाद भी हम अपनी जीवनशैली में कोई बड़ा बदलाव शायद ही कर पाएं लेकिन थोड़े छोटे से बदलावों से इस अंग को लंबे समय तक स्वस्थ बनाया जा सकता है।
कच्चे और पका कर खाए जाने योग्य खाद्य पदार्थों को तीन और पांच के अनुपात में बांट कर थोड़े थोड़े अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाएं।

सुबह या शाम को थोड़ा सा वक्त आप के लिए जो भी मुफीद हो हल्के शारीरिक व्यायाम के लिए निकालें। ये व्यायाम शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं और अतिरिक्त कैलोरी पचाने में लीवर की सहायता करते हैं।

कोशिश करें की सुबह 7 से 9 के बीच नाश्ता कर लें ताकि पोषक तत्वों को सबसे पहले पचने का समय मिल सके।

प्रोटिन युक्त डाइट को पचने में ज्यादा समय लगता है इसलिए अगर हेवी डाइट ली है तो उसे पचने का समय दें।
दिल की सुनने की जगह हाइपोथेलेमस की सुनें जो आपको भूख लगने का एहसास करवाता है।

ज्यादा खाने से बचें, ज्यादा खाने का मतलब एक बार में ली जाने वाली मात्रा से है। थोड़ा-थोड़ा करके कई बार भोजन लेना ज्यादा ठीक होगा।

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