विपरीत करनी आसन
ऐसे करें: कमर के बल जमीन पर सीधे लेट जाएं। कमर से पंजे तक के हिस्से को ऊपर उठाएं। इस दौरान हाथों को कमर पर रखकर इस हिस्से को उठाए रखें। कोहनी के बल हाथों को जमीन पर रखें। सांस लेते हुए इस अवस्था में कुछ देर रहें। शुरुआत में संतुलन न बने तो दीवार के सहारे पैर को उठाए रखें।
ध्यान रखें: कमर-गर्दन दर्द की समस्या के अलावा हृदय रोगी इसे न करें। माहवारी के दौरान महिलाएं इसे न करें।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन
ऐसे करें: पीठ के बल सीधे लेटकर हाथों को कंधों की सीध में लाएं। कमर से निचले हिस्से को घुमाते हुए दाएं पैर को ऊपर उठाकर बाएं पैर के आगे रखें। इस दौरान दाएं पैर की एड़ी बाएं पैर के घुटने से स्पर्श करें। सांस लेते हुए दाईं ओर देखें। 2-3 मिनट रुककर प्रारंभिक अवस्था में आएं। ऐसा बाएं पैर से भी दोहराएं।
ध्यान रखें: कमरदर्द या घुटने में दर्द की समस्या वाले इसे न करें। स्लिप ***** की स्थिति में इसे न करें।
एकपाद राजकपोतासन
ऐसे करें: आलथी-पालथी की मुद्रा में बैठकर दाएं पैर को पीछे की ओर सीधा कर बैठें व कमर सीधी रखें। इस स्थिति में सांस लेते हुए सिर आगे जमीन पर टिकाएं। दोनों हाथों को सिर की तरफ आगे फैलाएं। हथेलियां जमीन की ओर हों। कुछ देर रुकने के बाद प्रारंभिक अवस्था में आएं। इसे बाएं पैर से भी दोहराएं।
ध्यान रखें: स्लिप डिस्क, कमर या घुटने में दर्द के मरीज इसे न करें।