बेकिंग सोडा
यह मुंह का पीएच बैलेंस सुधार देता है। पीएच यानी पौटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन में असंतुलन होने पर दांतों में कैविटी और मसूड़ों की कमजोरी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। इसके लिए बेकिंग सोडे से ब्रश करें या गुनगुने पानी में एक टी स्पून सोडा घोल लें और 5-10 मिनट इससे कुल्ला करें, मुंह की दुर्गंध दूर होगी। लेकिन इसका प्रयोग ज्यादा मात्रा में न करें और अच्छी तरह से कुल्ला करें।
यह मुंह का पीएच बैलेंस सुधार देता है। पीएच यानी पौटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन में असंतुलन होने पर दांतों में कैविटी और मसूड़ों की कमजोरी जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। इसके लिए बेकिंग सोडे से ब्रश करें या गुनगुने पानी में एक टी स्पून सोडा घोल लें और 5-10 मिनट इससे कुल्ला करें, मुंह की दुर्गंध दूर होगी। लेकिन इसका प्रयोग ज्यादा मात्रा में न करें और अच्छी तरह से कुल्ला करें।
सौंफ
यह मुंह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार देती है। सौंफ पाचनक्रिया दुरुस्त करती है जो मुंह में बदबू का बड़ा कारण है। इलायची, लौंग व दालचीनी के साथ सौंफ ज्यादा फायदेमंद होती है। सौंफ की चाय भी पी सकते हैं। भोजन के बाद इसे खाने से भी दुर्गंध नहीं आती।
यह मुंह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार देती है। सौंफ पाचनक्रिया दुरुस्त करती है जो मुंह में बदबू का बड़ा कारण है। इलायची, लौंग व दालचीनी के साथ सौंफ ज्यादा फायदेमंद होती है। सौंफ की चाय भी पी सकते हैं। भोजन के बाद इसे खाने से भी दुर्गंध नहीं आती।
दालचीनी
इसमें सिनेमिक इसेंशियल ऑयल होता है जो लार में मौजूद बैक्टीरिया को मारता है। एक टी स्पून पिसी हुई दालचीनी को 10-15 मिनट उबालें। दिन में दो-तीन बार इस घोल से कुल्ला करें। इस घोल को खुशबूदार बनाना चाहें तो इलायची मिला लें।
इसमें सिनेमिक इसेंशियल ऑयल होता है जो लार में मौजूद बैक्टीरिया को मारता है। एक टी स्पून पिसी हुई दालचीनी को 10-15 मिनट उबालें। दिन में दो-तीन बार इस घोल से कुल्ला करें। इस घोल को खुशबूदार बनाना चाहें तो इलायची मिला लें।
नींबू
नींबू में मौजूद एसिड मुंह में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है। गुनगुने पानी में एक टी स्पून ताजा नींबू का रस व थोड़ा नमक मिलाएं। रात को सोने से पहले इस घोल से कुल्ला करें। सेंसेटिविटी की दिक्कत हो तो यह प्रयोग न करें।
नींबू में मौजूद एसिड मुंह में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है। गुनगुने पानी में एक टी स्पून ताजा नींबू का रस व थोड़ा नमक मिलाएं। रात को सोने से पहले इस घोल से कुल्ला करें। सेंसेटिविटी की दिक्कत हो तो यह प्रयोग न करें।
टी ट्री ऑयल
मुंह के बैक्टीरिया नष्ट करता है टी ट्री ऑयल। एक गिलास पानी में समान मात्रा में टी ट्री आइल मिलाएं और इस घोल से नियमित कुल्ला करें। टूथपेस्ट से ब्रश करने के बाद टी ट्री ऑयल मिश्रित पानी से कुल्ला करें। मार्केट में भी टी ट्री ऑयल मिक्स टूथपेस्ट मिलने लगे हैं। इसके नियमित उपयोग से अच्छे परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
मुंह के बैक्टीरिया नष्ट करता है टी ट्री ऑयल। एक गिलास पानी में समान मात्रा में टी ट्री आइल मिलाएं और इस घोल से नियमित कुल्ला करें। टूथपेस्ट से ब्रश करने के बाद टी ट्री ऑयल मिश्रित पानी से कुल्ला करें। मार्केट में भी टी ट्री ऑयल मिक्स टूथपेस्ट मिलने लगे हैं। इसके नियमित उपयोग से अच्छे परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
सेब का सिरका
सेब का सिरका एंटीसेप्टिक होता है। इसमें मौजूद एसिड मुंह में बैक्टीरिया को बढऩे से रोकता है और कैविटी हटाकर मुंह की बदबू मिटाता है। एक गिलास पानी में एक टी स्पून सिरका मिलाएं और खाने से पहले पिएं। सेंसेटिविटी होने पर यह प्रयोग न करें।
सेब का सिरका एंटीसेप्टिक होता है। इसमें मौजूद एसिड मुंह में बैक्टीरिया को बढऩे से रोकता है और कैविटी हटाकर मुंह की बदबू मिटाता है। एक गिलास पानी में एक टी स्पून सिरका मिलाएं और खाने से पहले पिएं। सेंसेटिविटी होने पर यह प्रयोग न करें।
अजवाइन
मुंह में दुर्गंध का एक कारण है सल्फर पैदा करने वाले बैक्टीरिया। अजवाइन को चबाने से लार की मात्रा बढ़ती है जो बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकती है। अजवाइन चबाएं या दो कप पानी में एक चम्मच पिसी हुई अजवाइन उबालें। घोल ठंडा हो जाए तो भोजन के बाद इसे माउथवॉश की तरह उपयोग में लें।
मुंह में दुर्गंध का एक कारण है सल्फर पैदा करने वाले बैक्टीरिया। अजवाइन को चबाने से लार की मात्रा बढ़ती है जो बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकती है। अजवाइन चबाएं या दो कप पानी में एक चम्मच पिसी हुई अजवाइन उबालें। घोल ठंडा हो जाए तो भोजन के बाद इसे माउथवॉश की तरह उपयोग में लें।
दानामेथी
सांस से जुड़ी समस्या व बदबू मिटाती है दानामेथी। यह लार की मात्रा बढ़ाती है जिससे कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। आधा लीटर पानी में एक टी स्पून दानामेथी को धीमी आंच पर 15-20 मिनट उबालें, इसे नियमित पिएं।
सांस से जुड़ी समस्या व बदबू मिटाती है दानामेथी। यह लार की मात्रा बढ़ाती है जिससे कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। आधा लीटर पानी में एक टी स्पून दानामेथी को धीमी आंच पर 15-20 मिनट उबालें, इसे नियमित पिएं।
लौंग
इसमें मौजूद एरोमेटिक ऑयल एंटी माइक्रोबाइल व एंटीसेप्टिक है। भोजन के बाद 2-3 लौंग चबानी चाहिए। दो कप उबलते पानी में 2-4 लौंग डालें और इसे पिएं। नेचुरल माउथवॉश
आधा चम्मच दालचीनी पाउडर, एक नींबू का रस और आधा टी स्पून शहद को एक कप गुनगुने पानी में मिलाएं। इस घोल को किसी बोतल में भरकर अच्छी तरह से हिला लें। ब्रश करने के बाद इस घोल से कुल्ला करें। दालचीनी से बना यह माउथवॉश मुंह की दुर्गंध मिटाएगा।
इसमें मौजूद एरोमेटिक ऑयल एंटी माइक्रोबाइल व एंटीसेप्टिक है। भोजन के बाद 2-3 लौंग चबानी चाहिए। दो कप उबलते पानी में 2-4 लौंग डालें और इसे पिएं। नेचुरल माउथवॉश
आधा चम्मच दालचीनी पाउडर, एक नींबू का रस और आधा टी स्पून शहद को एक कप गुनगुने पानी में मिलाएं। इस घोल को किसी बोतल में भरकर अच्छी तरह से हिला लें। ब्रश करने के बाद इस घोल से कुल्ला करें। दालचीनी से बना यह माउथवॉश मुंह की दुर्गंध मिटाएगा।
दुर्गंध से बचने के लिए क्या न खाएं
– प्याज व लहसुन जैसे खाद्य पदार्थ, जिनमें सल्फर है उनका सेवन न करें या कम करें।
– अंडे, मांस व मछली से परहेज करें।
– ताजा फल-सब्जी ज्यादा खाएं जो आसानी से पच जाते हैं।
– पिपरमिंट की पत्तियां या इलायची चबाने से लाभ होगा।
– प्याज व लहसुन जैसे खाद्य पदार्थ, जिनमें सल्फर है उनका सेवन न करें या कम करें।
– अंडे, मांस व मछली से परहेज करें।
– ताजा फल-सब्जी ज्यादा खाएं जो आसानी से पच जाते हैं।
– पिपरमिंट की पत्तियां या इलायची चबाने से लाभ होगा।
ये भी हैं सामान्य उपाय
– दिन में दो बार ब्रश करें।
– दांतों में खाद्य अवशेष न रहने दें।
– जीभ की भी रोज सफाई करें।
– नकली दांत लगाएं हैं तो इन्हें भी नियमित रूप से साफ करें।
– मुंह में बदबू का कारण तनाव भी है। इससे बचें।
– धूम्रपान न करें और तंबाकू के सेवन से बचें।
– साल में एक बार दंत रोग विशेषज्ञ से चेकअप जरूर कराएं।
– एसिडिटी व कब्ज से बचें। नियमित समय पर भोजन करें।
– शुगर ड्रिंक और तेज गंध वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
– बासी भोजन न करें।
– दिन में दो बार ब्रश करें।
– दांतों में खाद्य अवशेष न रहने दें।
– जीभ की भी रोज सफाई करें।
– नकली दांत लगाएं हैं तो इन्हें भी नियमित रूप से साफ करें।
– मुंह में बदबू का कारण तनाव भी है। इससे बचें।
– धूम्रपान न करें और तंबाकू के सेवन से बचें।
– साल में एक बार दंत रोग विशेषज्ञ से चेकअप जरूर कराएं।
– एसिडिटी व कब्ज से बचें। नियमित समय पर भोजन करें।
– शुगर ड्रिंक और तेज गंध वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
– बासी भोजन न करें।