कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, अमीनो एसिड्स, मिनिरल्स के अलावा विटामिन्स बी-2, 4, 5, 6, 11 व विटामिन-सी से युक्त होता है शहद। इसमें कई एंजाइम्स मौजूद होते हैं जो सभी अंगों की कार्यप्रणाली को सुधारते हैं।
प्रयोग व लाभ
यूनानी औषधियों का शहद के साथ प्रयोग सबसे ज्यादा सांस से जुड़ी परेशानियों में होता है।
शहद को पानी में उबालकर माउल अस्ल (शहद का पानी) बनाते हैं व खांसी, जुकाम, अस्थमा जैसे बलगमी रोगों में 1-10 ग्राम की मात्रा में देते हैं। इससे गले में जमा कफ बाहर निकल जाता है। माउल अस्ल को गैस्ट्रिक अल्सर, पैरालिसिस, बुखार व श्वास तंत्रिका संबंधी समस्याओं में भी इस्तेमाल करते हैं। अत्यधिक थकान व अनिद्रा में 15 एमएल शहद दूध में डालकर पीने या केवल शहद चाटने से लाभ होता है। हाई बीपी में 10 एमएल शहद को 5 एमएल लहसुन के रस के साथ लें। कमजोरी महसूस हो तो 15 एमएल शहद को आधा कप अनार के रस के साथ मिलाकर भोजन से पहले ले सकते हैं। खांसी/जुकाम में तुलसी, शहद व कालीमिर्च की हर्बल-टी बनाकर पीएं। साथ ही एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर ले सकते हैं।
गाजर के रस में 10 एमएल शहद को लेने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
मुंह में बदबू की समस्या में 5 ग्राम दालचीनी को शहद व पानी के साथ मिलाकर माउथवॉश के रूप में प्रयोग करें।
शहद को त्वचा व सिर के बालों की चमक बढ़ाने के लिए फेसवॉश, उबटन आदि के अलावा शैम्पू में भी प्रयोग करते हैं।
डॉ. हिना जफर, यूनानी विशेषज्ञ