अहंकार होगा दूर
विपश्यना से अहंकार को दूर करने के बाद ही खुद को जानने का रास्ता खुलता है क्योंकि स्वयं को जानने के लिए सांसारिक उपलब्धियों के अहंकार की परत को मन से उखाड़ कर फेंक देना होता है।
विपश्यना से अहंकार को दूर करने के बाद ही खुद को जानने का रास्ता खुलता है क्योंकि स्वयं को जानने के लिए सांसारिक उपलब्धियों के अहंकार की परत को मन से उखाड़ कर फेंक देना होता है।
ऐसे करें साधना
विपश्यना की साधना को प्रशिक्षित गुरु के निर्देशन में ही अधिक प्रभावोत्पादक माना गया है। विपश्यना की साधना के लिए अनुकूल स्थल, आरामदायक कपड़े और व्यक्ति का संकल्प सबसे आवश्यक माने गए हैं। व्यक्ति जिस मुद्रा में अपने को अधिक आरामदायक स्थिति में महसूस करे, उसी मुद्रा या आसन में बैठे। स्थान ऐसा हो, जहां बाहरी शोर उसकी एकाग्रता को भंग नहीं कर सके। लंबे समय तक साधना का संकल्प मन को कई बार बेचैन करता है इसलिए शुरुआत में कम समय के लिए साधना शुरू करें और धीर-धीरे उसी मुद्रा में अवधि को बढ़ाएं।
विपश्यना की साधना को प्रशिक्षित गुरु के निर्देशन में ही अधिक प्रभावोत्पादक माना गया है। विपश्यना की साधना के लिए अनुकूल स्थल, आरामदायक कपड़े और व्यक्ति का संकल्प सबसे आवश्यक माने गए हैं। व्यक्ति जिस मुद्रा में अपने को अधिक आरामदायक स्थिति में महसूस करे, उसी मुद्रा या आसन में बैठे। स्थान ऐसा हो, जहां बाहरी शोर उसकी एकाग्रता को भंग नहीं कर सके। लंबे समय तक साधना का संकल्प मन को कई बार बेचैन करता है इसलिए शुरुआत में कम समय के लिए साधना शुरू करें और धीर-धीरे उसी मुद्रा में अवधि को बढ़ाएं।