बीमारी से लडऩे की सॉलिड क्षमता
घेंट यूनिवर्सिटी के सेहत विज्ञानियों का मानना है कि महिलाओं में रोगों से लडऩे की शारीरिक क्षमता पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है। इनमें एक्स्ट्रा एक्स क्रोमोसम होता है, जो रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। एक अध्ययन में डॉ. माया सालेह ने पाया कि महिलाओं का एस्ट्रोजन हार्मोन इनफ्लेमेशन के लिए जिम्मेदार एंजाइम का उत्पादन रोकने में सक्षम है। जापान के प्रो. कोत्सुइकू हीरोकावा के मुताबिक महिलाओं के इम्यून सिस्टम की एजिंग पुरुषों की तुलना में धीमी होती है।
घेंट यूनिवर्सिटी के सेहत विज्ञानियों का मानना है कि महिलाओं में रोगों से लडऩे की शारीरिक क्षमता पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है। इनमें एक्स्ट्रा एक्स क्रोमोसम होता है, जो रोगप्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। एक अध्ययन में डॉ. माया सालेह ने पाया कि महिलाओं का एस्ट्रोजन हार्मोन इनफ्लेमेशन के लिए जिम्मेदार एंजाइम का उत्पादन रोकने में सक्षम है। जापान के प्रो. कोत्सुइकू हीरोकावा के मुताबिक महिलाओं के इम्यून सिस्टम की एजिंग पुरुषों की तुलना में धीमी होती है।
ज्यादा रंग पहचानती हैं
वरिष्ठ वैज्ञानिक इसरायल अब्राभोव की मानें तो महिलाएं रंगों में बारीक से बारीक अंतर को पहचान लेती हैं। पचास सालों तक ह्यूमन विजन का अध्ययन करने वाले अब्राभोव कहते हैं कि महिलाओं में यह गुण अदिम काल से है, जब उन्हें बड़ी मेहनत से खाने लायक वनस्पतियों को चुनना पड़ता है। इतना ही नहीं दुनिया में कुछ महिलाएं, जिन्हें टेट्राक्रक्रोमैट्स’ कहते हैं, वे 100 मिलियन अलग-अलग रंग पहचान सकती हैं क्योंकि उनकी रेटीना में तीन की बजाय चार प्रकार के कोन्स होते हैं। ये अतिरिक्त कोन्स उनके मस्तिष्क को अधिक रंग पहचानने में मददगार होते हैं। ऐसी एक ‘टेट्राक्रक्रोमैट्स’ महिला की पहचान भी की गई है। यह महिला उत्तरी इंग्लैंड में जनरल फीजिशियन है।
वरिष्ठ वैज्ञानिक इसरायल अब्राभोव की मानें तो महिलाएं रंगों में बारीक से बारीक अंतर को पहचान लेती हैं। पचास सालों तक ह्यूमन विजन का अध्ययन करने वाले अब्राभोव कहते हैं कि महिलाओं में यह गुण अदिम काल से है, जब उन्हें बड़ी मेहनत से खाने लायक वनस्पतियों को चुनना पड़ता है। इतना ही नहीं दुनिया में कुछ महिलाएं, जिन्हें टेट्राक्रक्रोमैट्स’ कहते हैं, वे 100 मिलियन अलग-अलग रंग पहचान सकती हैं क्योंकि उनकी रेटीना में तीन की बजाय चार प्रकार के कोन्स होते हैं। ये अतिरिक्त कोन्स उनके मस्तिष्क को अधिक रंग पहचानने में मददगार होते हैं। ऐसी एक ‘टेट्राक्रक्रोमैट्स’ महिला की पहचान भी की गई है। यह महिला उत्तरी इंग्लैंड में जनरल फीजिशियन है।
चीटर को पहचानने की अद्भुत क्षमता
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक यूनिवर्सिटी महिलाओं को दर्जनों पुरुषों की तस्वीरें दिखाईं और कयास लागने को कहा कि इनमें कौन जेंटलमैन है और कौन बेवफा। करीब 62 फीसदी मामलों में महिलाओं ने बिल्कुल सही आकलन किया था। ये पुरुष अपनी पत्नियों के साथ बेवफाई करते पाए गए। तुलना करने के लिए जब पुरुषों पर भी ठीक ऐसा ही प्रयोग किया गया और उन्हें कई महिलाओं की तस्वीरें दिखाते हुए वही सवाल पूछा गया तो नतीजों में पाया गया कि वे मात्र 23 फीसदी मामलों में सही अनुमान लगा पाए। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि कुदरत ने महिलाओं को यह सुपरपावर संभवत: इसलिए दिया है कि रिश्तों में बेवफाई या धोखाधड़ी के बुरे नतीजे उन्हें ही ज्यादा झेलने पड़ते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एक यूनिवर्सिटी महिलाओं को दर्जनों पुरुषों की तस्वीरें दिखाईं और कयास लागने को कहा कि इनमें कौन जेंटलमैन है और कौन बेवफा। करीब 62 फीसदी मामलों में महिलाओं ने बिल्कुल सही आकलन किया था। ये पुरुष अपनी पत्नियों के साथ बेवफाई करते पाए गए। तुलना करने के लिए जब पुरुषों पर भी ठीक ऐसा ही प्रयोग किया गया और उन्हें कई महिलाओं की तस्वीरें दिखाते हुए वही सवाल पूछा गया तो नतीजों में पाया गया कि वे मात्र 23 फीसदी मामलों में सही अनुमान लगा पाए। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि कुदरत ने महिलाओं को यह सुपरपावर संभवत: इसलिए दिया है कि रिश्तों में बेवफाई या धोखाधड़ी के बुरे नतीजे उन्हें ही ज्यादा झेलने पड़ते हैं।
– अंजू जैन