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Yoga For Eyes: इन खास योगासनों से बढ़ाएं आंखों की रोशनी

locationजयपुरPublished: Jan 16, 2020 07:41:04 pm

Yoga For Eyes: आंखें शरीर का अहम अंग हैं जिनकी देखभाल करना जरूरी है। दिनभर कम्प्यूटर पर काम करने, ज्यादा देर टीवी देखने या देर तक पढ़ाई करने से आंखें थक जाती हैं व इन पर होने वाला तनाव आंखों की रोशनी को प्रभावित करता है

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Yoga For Eyes In Hindi: आंखें शरीर का अहम अंग हैं जिनकी देखभाल करना जरूरी है। दिनभर कम्प्यूटर पर काम करने, ज्यादा देर टीवी देखने या देर तक पढ़ाई करने से आंखें थक जाती हैं व इन पर होने वाला तनाव आंखों की रोशनी को प्रभावित करता है। कुछ योग क्रियाएं व हस्तमुद्राओं से आंखों से जुड़े रोगों का इलाज तो नहीं लेकिन नेत्र ज्योति का बढ़ाने में कारगर है। आइए जानते हैं इनके बारे में:-
देव ज्योति योग मुद्रा
हाथ की तर्जनी अंगुली को मोड़कर अंगूठे की जड़ पर लगाने से देवज्योतिमुद्रा बनती है। यह वायुमुद्रा जैसी होती है। लगभग 40-60 सेकंड इस मुद्रा में रुकने का अभ्यास सुबह-शाम 4-6 बार दोहराएं।
नासिकाग्र दृष्टि योग मुद्रा
किसी भी आसन में बैठकर नाक के आखिरी सिरे पर नजरें टिकाएं। थोड़ी देर बाईं आंख से देखने के बाद दाईं आंख से देखें। इस दौरान तनाव न लें। नाक का सिरा तब तक देखें जब तक कि आंखों पर ज्यादा दबाव न पड़़े। फिर धीरे-धीरे इसे करने का समय बढ़ाते जाएं।
शवासन
पीठ के बल सीधे लेटें। दोनों हाथों को शरीर से 6 इंच की दूरी पर रखें। दोनों पैरों के बीच एक फुट का गैप देकर धीरे-धीरे शरीर को रिलैक्स करें। नीचे से ऊपर शरीर के हर अंग पर ध्यान देकर ढीला छोड़ें। आंख व मुंह बंद हों। सामान्य सांस लेते रहें। योग के दौरान नींद आए तो लंबी सांस लें व छोड़ें।
सर्वांगासन
शवासन में लेटकर दोनों हाथों को जांघों की बगल में व हथेलियों को जमीन पर रखें। गहरी सांस लेते हुए पैरों को मोड़ते हुए ऊपर उठाएं। फिर पैर सीधा रखें। पैरों को जमीन से 90 डिग्री कोण पर व कमर को हाथों की मदद से ऊपर उठाएं। क्षमतानुसार इस अवस्था में रुककर प्रारंभिक अवस्था में आएं।
इनका रखें ध्यान
गर्दन में दर्द, हाई व लो ब्लड प्रेशर और हृदय रोगी इसका अभ्यास न करें। सर्वाइकल रोग या अन्य किसी गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्ति भी न करें। आंखों से जुड़ी किसी प्राकर की सर्जरी की स्थिति में कम से कम एक माह तक अभ्यास न करें। बाद में करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
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