चतरा के मयूरहंड़ प्रखंड में कराए जा रहे अंजनवा नहर निर्माण कार्य में लगे 35 मजदूर रात के अंधेरे में पैदल ही चतरा से बंगाल के लिए फरार हो गए। भागने वाले सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के हैं। जिन्हें लॉक डाउन के दौरान प्रशासन के द्वारा महेशा व मायापुर गांव स्थित कैम्प में रखा गया था। लेकिन जब 35 मजदूर नहीं दिखे तो अन्य मजदूरों ने इसकी सूचना कम्पनी के लोगों को दी। जिसके बाद कंपनी के लोगों के हाँथ-पैर फूलने लगे। वहीं कम्पनी के कर्मियों ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी। इसके बाद डीएसपी मुख्यालय वरुण देवगम के नेतृत्व में आनन-फानन में भागे मजदूरों की तलाश शुरू की गई।
इसी बीच उन्हें हजारीबाग के नगवां में 30-35 की संख्या में मजदूर जाते देखे जाने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही डीएसपी बिना समय गंवाए दलबल के साथ नगवा जा पहुचे। जहां से मायापुर व महेशा कैम्प से भागे मजदूरो को वापस कैम्प लाया गया। इसके बाद डीएसपी मुख्यालय ने मजदूरों को लॉक डाउन का सख्ती से पालन करते हुए हर संभव मदद देने की बात कही। उन्होंने सभी मजदूरों को समझाया औऱ गांव छोड़कर नहीं जाने की हिदायत दी। इस दौरान डीएसपी ने सभी मजदूरों के बीच मास्क और खाद्य सामग्री का वितरण भी किया।