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यहीं सी की पढ़ई, अब शिक्षामंत्री बन लौटे…
बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड के इसी सरकारी स्कूल में जगरनाथ महतो ने ककहरा (प्राथमिक शिक्षा) सीखा और मंत्री बनने के बाद सबसे पहले इसी स्कूल में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने पहुंचे। दसवीं तक पढ़े जगरनाथ महतो अलारगो गांव के रहने वाले हैं। स्कूल में सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की गई है। जगरनाथ महतो पूजा पर बैठे। इसके बाद आरती उतारी। गांव के लोगों, बच्चों और शिक्षकों के साथ कुछ समय साझा करने के बाद उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है, उत्क्रमित मध्य विद्यालय अलारगो मेरे लिए एक मंदिर ही तो है। इसी विद्यालय ने मुझे अक्षर ज्ञान देकर शिक्षा मंत्री के रूप में स्थापित किया है।
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31 को संभालेंगे पदभार…
जगरनाथ महतो डुमरी विधानसभा सीट से झामुमो प्रत्याशी के रूप में चौथी बार लगातार चुनाव जीते हैं। 28 जनवरी को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि 29 जनवरी को सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ है। 31 दिसंबर को जगरनाथ महतो विभाग का पदभार संभालेंगे।
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खोले जाएंगे विलय के बाद बंद हुए स्कूल…
इधर शिक्षा विभाग के साथ ही जगरनाथ महतो को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की भी जिम्मेवारी सौंपे पर वे सोशल साइट पर ट्रोल भी किए जा रहे हैं। प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इससे पहले शिक्षा मंत्री बनाए जाने पर जगरनाथ महतो ने मीडिया से कहा है कि स्कूलों के विलय (मर्जर) का वे पहले से विरोध करते रहे हैं, इसलिए विलय के नाम पर बंद किए गए स्कूल खोले जाएंगे। इसकी प्रक्रिया और स्थिति की वे समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाएंगे। ज्ञात हो कि राज्य की पिछली सरकार ने 6500 विद्यालयों का विलय किया था।