संविधान की गलत व्याख्या कर करता था पत्थरगड़ी
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार पौलुस सुरीन ने पूछताछ के क्रम में बताया कि वह आदिवासी महासभा के स्वयंभू नेता युसूफ पूर्ति उर्फ प्रोफेसर, बबीता कच्छप, विजय कुजूर , जॉन जुनास तिडू, बलराम समद के साथ मिलकर खूंटी, मुरहू और अड़की थाना क्षेत्र में भोले-भाले ग्रामीणों को भड़का संविधान की गलत व्याख्या करते हुए गांव-गांव में पत्थरगड़ी कराने में शामिल था।
इन मामलों में भी था वांछित
वह मुख्य रूप से खूंटी थाना अंतर्गत ग्राम भंडरा में पत्थरगड़ी के वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम और मुरहू थाना अंतर्गत डुडरी चौक में सड़क जाम में भी शामिल था। इसके खिलाफ मुरहू थाना क्षेत्र में भादवि की विभिन्न धाराओं के तहत 20मार्च 2018 को मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में उसने डुडरी चौक पर कथित आदिवासी महासभा के स्वयंभू नेता युसूफ पूर्ति समेत अन्य शीर्षस्थ नेताओं तथा अन्य हजारों पत्थरगड़ी समर्थकों के साथ हरवे हथियार से लैस होकर सरकार एवं प्रशासन के विरूद्ध भड़काउफ भाषण देने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और खूंटी-चाईबासा मुख्य पथ को डुडरी चौक पर सड़क जाम कर विधि व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था भंग करने की घटना को अंजाम दिया था।
गौरतलब है कि इस वर्ष के प्रारंभ में खूंटी और सरायकेला-खरसावां जिले के कई इलाकों में पत्थरगड़ी की दर्जनों घटनाओं के कारण विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई थी, लेकिन पुलिसिया कार्रवाई के बाद अब पत्थलगड़ी की घटनाओं पर अंकुश लग चुका है और इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देने वाले कई शीर्षस्थ नेता गिरफ्तार किए जा चुके है।