मुख्यमंत्री रविवार को रांची स्थित अपने आवास में बोकारो जिला से आए आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था के प्रतिनिधि माझी हड़ाम, नायकी, जोगमाझी, भोदरन व कुड़ाम नायके को संबोधित कर रहे थे।
रघुवर दास कहा कि सरकार का मानना है कि मातृभाषा सर्वोपरि है। सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। लोगों को भी अपनी भाषा, सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को छोड़ना नहीं चाहिए। 2019 से ओल चिकी भाषा में स्कूलों में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए किताबें छपकर आ गई है। अभी पहली और दूसरी कक्षा में इसकी पढ़ाई होगी। आनेवाले दिनों में पांचवीं तक ओल चिकी भाषा में पढ़ाई होगी। स्कूलों में स्थानीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी चल रही है। ओल चिकी के अलावा कुडुख, मुंडारी आदि भाषाओं के शिक्षकों की भी नियुक्ति की जा रही है, ताकि हमारे बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग ये आरोप लगाते हैं कि सरकार उनकी जमीन लूट लेगी। चार साल के शासन में एक भी इंच जमीन नहीं ली गई है। जो लोग आदिवासियों का शोषण करते हैं, जिन लोगों ने राज्य में हर जगह आदिवासियों की जमीन औने-पौने दाम में खरीदी है, वे ही आज हम पर आरोप लगा रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने लुगु बुरू मेले को राजकीय महोत्सव के रूप में मान्यता देने पर विशेष तौर पर बधाई दी। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता लखी हेंब्रम, आनंद मुर्मू समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।