India में Coronavirus ने जानें कैसे पकड़ी रफ्तार, पहले 1 लाख केस 110 दिन में आए
यह मामला झारखंड के बोकारो जिले का है। मिली जानकारी के अनुसार बेरमो अनुमंडल के ऊपरघाट क्षेत्र स्थित पेंक कस्बे में व्यवसायी नरेश वर्णवाल (बदला हुआ नाम) अपने परिवार के साथ रहते थे। पहली पत्नी से उन्हें एक बच्चा था, पहली पत्नी की मौत के बाद उन्होंने दूसरी शादी की थी। दूसरी पत्नी से उन्हें एक पुत्र था। जिसका नाम हिमांशु (बदला हुआ नाम) था।
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एक सप्ताह से हिमांशु की सेहत खराब थी। उसे 27 जुलाई को धनबाद के जालान अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां मंगलवार सुबह इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। उसकी कोरोना रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हो पाई थी। इसलिए डॉक्टरों ने उसे संदिग्ध मानते हुए परिजनों को दूर रहते हुए, शरीर के संपर्क में ना आकर, दफनाने के लिए कहा।
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इसके बाद परिजन उसका शव लेकर गांव आ गए और दफना दिया। इसके बाद हिमांशु की मां दिप्ती वर्णवाल घर आकर सदमे में डूब गई। बताया जा रहा है कि बेटे के अंतिम दर्शन भी न कर पाने से उसे गहरा सदमा लगा था। घर पर कुछ खाने के बाद उनकी भी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें गिरिडीह के अस्पताल में लेकर गए जहां इलाज के दौरान मां ने भी अंतिम सांस ली। 12 घंटे के अंतराल में ही परिवार के दो चिराग बुझ गए और दुनिया उजड़ गई। बेटे के पास ही मां का अंतिम संस्कार किया गया।