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नेपोटिज्म पर आदित्य बोले, कुछ बुद्धिहीनों ने इस शब्द को चमकाया है

locationमुंबईPublished: Sep 08, 2020 05:26:59 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

बॉलीवुड आउटसाइडर आदित्य सील इस आरोप से सहमत नहीं हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद का वर्चस्व है और बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ बुद्धिहीन लोगों की वजह से यह शब्द चकाचौंध में आया है।

aditya seal

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बॉलीवुड आउटसाइडर आदित्य सील इस आरोप से सहमत नहीं हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में भाई-भतीजावाद का वर्चस्व है और बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ बुद्धिहीन लोगों की वजह से यह शब्द चकाचौंध में आया है। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने फिल्मकार करण जौहर के शो कॉफी विद करण में जाकर सबसे पहले नेपोटिज्म का मुद्दा उठाया था और उन्होंने यह भी कहा था कि करण इंडस्ट्री में नेपोटिज्म के ध्वजवाहक हैं। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद यह मुद्दा एक बार फिर से गर्माया क्योंकि सुशांत भी एक आउटसाइडर थे और उनकी मौत के बाद यह कहा जाने लगा कि उनके साथ इंडस्ट्री में भेदभावपूर्ण बर्ताव किया गया है।
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साल 2019 में आई करण जौहर द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 में आदित्य काम कर चुके हैं। अभिनेता ने बताया, मैंने एक छोटी सी लव स्टोरी और पुरानी जीन्स जैसी फिल्में की हैं जिनमें मुझे लॉन्च किया गया। एक और फिल्म थी तुम बिन 2 जिसमें मुझे दोबारा लॉन्च किया गया, फिर मैंने स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 में भी काम किया, तो कुल मिलाकर इंसाइडर-आउटसाइडर की बात मेरी समझ से तो बिल्कुल बाहर है क्योंकि एक आउटसाइडर होते हुए भी मुझे कई बार पेश किया गया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने आगे कहा कि नेपोटिज्म शब्द को गलत ढंग से लोगों की नजरों में लाया गया है और यह महज बेवकूफी है। आदित्य कहते हैं, इस शब्द को चमकाया गया है। किसी बे-अक्ल इंसान ने इस वर्ड को ग्लैमराइज किया है। उसको सोचके करना चाहिए था। यह महज बेवकूफी है। आने वाले समय में आदित्य अनामिका में नजर आएंगे। एक ऐसी कहानी जो चार फिल्मों का हिस्सा है। प्रियदर्शन इसके निर्देशक है।
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भाई-भतीजावाद का हिस्सा नहीं बनना चाहती राधिका आप्टे
अभिनेत्री राधिका आप्टे को लगता है कि भाई-भतीजावाद पर संवाद करना बेहद जटिल है। ऐसा न केवल फिल्म उद्योग के बारे में है बल्कि हर जगह है। राधिका ने कहा कि मैं इस चर्चा का हिस्सा नहीं बनना चाहती हूं। यह केवल इनसाइडर-आउटसाइडर के बारे में नहीं है। यह एक व्यापक संवाद है, जिसमें किसी एक के जबाव देने से बात नहीं बनेगी। एक समाज के तौर पर, हमने भाई-भतीजावाद का समर्थन किया है। यह सिर्फ फिल्म उद्योग में नहीं है। बदलाव लाने के लिए हम सभी को बदलने की जरूरत है। बॉलीवुड में पहचान बनाने को लेकर उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इनसाइडर और आउटसाइडर दोनों के लिए ही यहां सफलता पाना मुश्किल है। केवल एक खास परिवार में पैदा होने से सफलता नहीं मिलती है, यह मुश्किल संवाद है।
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