आखिर झालावाड़ के जनाना अस्पताल में किसके खौफ से लोग सो नहीं पाते… जानिए अभी
जयपुरPublished: Jan 31, 2016 03:21:00 am
हीराकुंवर बा जनाना चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में रात को चूहों के होने के चलते परिजनों को जाग कर रात गुजारनी पड़ रही है।
हीराकुंवर बा जनाना चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में रात को चूहों के होने के चलते परिजनों को जाग कर रात गुजारनी पड़ रही है।
शिशु रोग विभाग के दो वार्डों में 30-30 पलंगों का निर्धारण किया हुआ है। इसके अलावा एनआईसीयू, पीआईसीयू व एपीआईसीयू में भी 10-10 बैड हैं लेकिन रात के समय वार्डों में चूहे होने के कारण शिशुओं को परेशानी होती है।
हर कहीं डाल देते हैं खाना
अस्पताल प्रशासन की मानें तो वार्डों में चूहे होने का प्रमुख कारण यहां परिजनों का भोजन सामग्री का इधर-उधर डाल देना है। भोजन सामग्री डालने के कारण यहां दिन में चूहे बने रहते हैं। लेकिन रात में एकांत में ये वार्डों में अधिक विचरण करते है। ऐसे में कई बार ये पलंगों पर चढ़कर शिशुओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
स्वयं भी जिम्मेदार
अस्पताल के शिशु रोग विभाग में भर्ती परिजनों ने बताया कि रात को चूहे अधिक होने के कारण शिशुओं की सुरक्षा स्वयं की जिम्मे ही होती है। रात को चूहे शिशुओं के इर्द-गिर्द बने रहते हंै। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है।
हो चुके हैं मामले
शिशु रोग विभाग में चूहों द्वारा शिशुओं को परेशान करने की बात पहली बार नहीं आई है। इससे पहले भी शिशुओं को चूहों द्वारा परेशान करने की शिकायत अस्पताल प्रशासन को मिली। लेकिन इस पर अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
उच्चाधिकारियों ने जताई थी चिंता
गत एक वर्ष पहले देर रात को मुख्यमंत्री के सचिव तन्मय कुमार एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एसआरजी व जनाना चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान यहां चूहों को देख अधिकारियों ने भी चिंता जताई थी। लेकिन इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। हालांकि जिला कलक्टर ने इस मामले में ठोस कार्रवाई करने मौखिक निर्देश अस्पताल प्रशासन को भी दिए थे।
अस्पताल के शिशु रोग विभाग में रात को चूहे बीमारों के परिजनों द्वारा डाली खाद्य सामग्री के कारण रहते हैं। इस बारे में मौजूद गार्ड को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दे रखे हैं।
डॉ.राजन नंदा, अस्पताल अधीक्षक