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शेखावाटी के ऐसे किसानों को सैल्यूट…जो खुद की जेब से लाखों खर्च करके इंडियन आर्मी के लिए तैयार कर रहे जवान

locationसीकरPublished: Oct 18, 2016 11:18:00 am

Submitted by:

vishwanath saini

सीकर जिले में एेसे कई गांव हैं। जिनके बाशिंदों ने अपनी जेब से लाखों रुपए खर्च कर फौज की तैयारी के लिए युवाओं की खातिर दौड़ के ट्रैक और ग्राउंड तैयार कर रखे हैं।

देश की सुरक्षा को लेकर जो शौर्य शेखावाटी के वीर जवानों में है। वहीं जज्बा यहां के किसानों में भी बसा भी हुआ है। यही वजह है कि यहां के गांव के लोग जवानों को तैयार करने में अपना तन-मन और धन तक न्यौछावर कर रहे हैं।
जिसका परिणाम है कि वर्तमान में सबसे अधिक 75 हजार के करीब सैनिक शेखावाटी से हैं। जो कि, देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे हुए हैं। बानगी यह है कि जिनको तैयार करने में यहां के ग्रामीण भी अपना अहम रोल अदा कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सीकर जिले में एेसे कई गांव हैं। जिनके बाशिंदों ने अपनी जेब से लाखों रुपए खर्च कर फौज की तैयारी के लिए युवाओं की खातिर दौड़ के ट्रैक और ग्राउंड तैयार कर रखे हैं। जिनका इस्तेमाल कर युवा आर्मी में अपना भविष्य संजो रहे हैं। एेसा ही एक गांव है सांवलोदा पुरोहितान। जहां गांव के ही लोगों ने पहल कर अपनी जेब से रुपए खर्च कर दौड़ की तैयारी के लिए स्पेशल ट्रेक तैयार किए हैं।
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सरपंच गोरधन शर्मा ने बताया कि एअर फोर्स से रिटायर और वर्तमान में सरकारी शिक्षक श्रीराम पिलानिया के प्रयासों से गांव वालों ने मिलकर दौड़ की तैयारी के लिए गांव की स्कूल की बंजर पड़ी भूमि पर युवाओं की खातिर ट्रेक और ग्राउंड तैयार किए। जिनमें खुमाराम, डूंगरमल, नानूराम, रिछपाल, जवाहर ढाका, रूपाराम व भंवरलाल जांगिड़ आदि ने जेब से पांच लाख रुपए खर्च कर यह सुविधा जुटाई।
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जिसमें हर सुबह गांव के दर्जनों युवा दौड़ लगाकर आर्मी भर्ती की विशेष तैयारी करते हैं। जिसके सार्थक परिणाम भी मिल रहे हैं कि 30 के करीब युवा हैं। जो कि इस ट्रेक पर प्रैक्टिस कर आज आर्मी का हिस्सा बन गए हैं। सरकारी स्कूल के पुस्तकालय अध्यक्ष रामेश्वर पिलानियां का कहना है कि गांव वालों के तैयार ग्राउंड के कारण कुछ खिलाड़ी भी यहां तैयार हुए हैं। जो कि, प्रदेश और देश स्तर पर नाम कमा चुके हैं।
सहयोग से मिली सफलता

गांव की बेटी मनभरी ने बताया कि वह गांव वालों के सहयोग से बने इसी ट्रैक पर दौड़ की तैयारी कर यह मुकाम हासिल किया है। जयप्रकाश, राजेश, भंवरलाल व राजकिशोर जैसे कई युवा हैं जो कि, ग्राउंड और दौड़ के ट्रैक का इस्तेमाल कर वर्तमान में आर्मी में सलेक्ट हो चुके हैं।
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दौड़ की तैयारी के लिए यहां तीन-चार गांवों के युवा पहुंचते हैं। ट्रैक का फायदा गांव की युवतियां व महिलाएं भी उठा रही हैं। यहां मॉर्निंग वॉक कर वे स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं।
पड़ौसी गांव में भी ट्रेक की सुविधा

रामेश्वर पिलानिया का कहना है कि पड़ौसी गांव सांवलोदा धायलान में दौड़ का ट्रेक तैयार होने पर दर्जनों युवा आर्मी में भर्ती होने की प्रैक्टिस करते हैं। हालांकि इसके निर्माण में गांव के लोग और कुछ पैसा सरकारी स्तर पर खर्च किया हुआ है।
खेत में बना दिया दौड़ का मैदान
जोरावर नगर में भी जिला परिषद सदस्य नैना कंवर ने अपनी तीन बीघा पैतृक जमीन आर्मी की तैयारी कर रहे युवाओं के नाम कर रखी है।
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अपने स्तर पर दौड़ व खेल की तैयारी के लिए स्पेशल ग्राउंड तैयार कर रखे हैं जिनपर प्रतिदिन गांव के करीब सौ युवा भर्ती होने के लिए दौड़ की तैयारी करते देखे जा सकते हैं।
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