टीवी में 17 साल की उम्र में पहचान बनाई? कैसा रहा सफर?
मैं खुश हूं कि मैंने बहुत कम उम्र में थिएटर एक्टर के तौर पर काम शुरू कर दिया था। तब 2002 में रियलिटी शोज शुरू हुए ही थे। मैं महज 17 का था, जब मुझे पॉपस्टार्स से पहली बार पहचान मिली। कॅरियर जल्दी शुरू करना ठीक रहता है, इससे ज्यादा अनुभव मिलते हैं, ज्यादा एक्सप्लोर होते हैं।
हाल ही शूजित सरकार ने बच्चों के रियलिटी शोज पर रोक लगाने की बात कही है, क्या कहेंगे आप?
मेरा मानना है कि हम उन पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते और लगाना भी नहीं चाहिए। यह पैरेंट्स पर भी निर्भर करता है कि वे अपने बच्चों के साथ कैसे डील करते हैं। मुझे याद है जब मैं 17 का था और मुझे पहचान मिली थी, मेरा गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया था। मुझे पहली बार अन्य औरतों और लड़कियों का अटेंशन मिल रहा था। बाद में मुझे गलती महसूस हुई और खुश हूं कि मैंने उसका सामना किया। दरअसल हर साल नया विनर होता है। पैरेंट्स को चाहिए कि वे उन्हें सही फीडबैक दें और यही ज्यादा समय तक रहेगा। आपको अपनी जर्नी में विनम्र भी रहना है।
आपने हमेशा मीडियम बजट की चुनीं, जो हमेशा हाई कंटेट की रहीं। ऐसा क्यों?
यदि सभी बड़े बजट की फिल्में करेंगे, तो मीडियम बजट की कौन करेगा, जो कंटेंट ड्रिवन होती हैं। दुनिया की कॉपी करने की बजाय इंडस्ट्री में अपनी खुद की स्पेस बनाना जरूरी है।
‘शुभ मंगल सावधान’ में क्या खास है?
यह क्वर्की सब्जेक्ट पर है, इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर, जिसके बारे में लोग ज्यादा बात नहीं करते। इस समस्या के बावजूद औरत पुरुष को अपनाती है। प्रेम पवित्र भाव है, जो इन सबसे परे है। फिल्म की कहानी के साथ ही इसका उद्देश्य भी खास है। हम चाहते हैं कि मेरी उम्र के लडक़े इस तरह की समस्याओं में शर्म नहीं करें।
‘दम लगा के हईशा’ के बाद भूमि के साथ फिर काम करना कैसा रहा?
अमेजिंग। वे बहुत ही अच्छी एक्ट्रेस हैं और अकेली फीमेल एक्ट्रेस, जिन्होंने बॉडी ट्रांसफोर्मेशन किया है। ऐसा करते मैंने केवल आमिर खान को देखा है और वे ट्रांसफोर्मेशन के साथ ही लॉन्च हो गईं। इससे नजर आता है कि आप अपने काम के लिए कितने समर्पित हैं।
शूजित सरकार, आदित्य चोपड़ा और आनंद एल रॉय जैसे फिल्मकारों के साथ काम करना कितना चुनौतीपूर्ण रहा?
चुनौती नहीं, बल्कि सम्मान की बात है। जब आप उनके साथ होते हैं, तो बेशक अपना बेस्ट देना होता है। शूजित सरकार सिनेमा के रियल स्कूल से हैं, आदित्य चोपड़ा कमर्शियल सोच के हैं, जबकि आनंद एल राय में दोनों बातें हैं।
श्रीराम राघवन की थ्रिलर चुनने की वजह?
नया जोनर एक्सप्लोर करना और बतौर एक्टर खुद को चैलेंज देना अच्छा है। मेरी इस आने वाली फिल्म में मेरा डार्क कैरेक्टर है और उसके लिए मैं सच में एक्साइटेड हूं। मैं पियानोवादक के किरदार में हूं। म्यूजिशियन हूं, इसलिए डिफरेंट इंस्ट्रूमेंट्स कैच करना मेरे लिए आसान है, पर एक प्रोफेशनल की तरह पियानो बजाना आसान नहीं है। उसके लिए मुझे काफी ट्रेनिंग लेनी पड़ रही है।