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शाहरुख की वेब सीरीज ‘बेताल’: खोदा पहाड़, निकली चुहिया, हॉरर नहीं, हास्यास्पद ड्रामा

locationमुंबईPublished: May 28, 2020 09:42:54 pm

शाहरुख खान की निर्माण कंपनी ने जॉम्बीज पर अपनी नई वेब सीरीज ‘बेताल’ नेटफ्लिक्स पर उतार दी है। इसे हॉरर ड्रामा के तौर पर प्रचारित किया गया, लेकिन इसे देखते हुए हॉरर कहीं महसूस नहीं होता।

शाहरुख की वेब सीरीज 'बेताल': खोदा पहाड़, निकली चुहिया, हॉरर नहीं, हास्यास्पद ड्रामा

शाहरुख की वेब सीरीज ‘बेताल’: खोदा पहाड़, निकली चुहिया, हॉरर नहीं, हास्यास्पद ड्रामा

-दिनेश ठाकुर

हॉलीवुड में 88 साल पहले जब निर्देशक विक्टर हेलपेरिन ने जॉम्बीज पर पहली फिल्म ‘व्हाइट जॉम्बीज’ बनाई थी तो जैसे अलादीन का चिराग हॉरर फिल्में बनाने वाले पश्चिमी फिल्मकारों के हाथ लग गया। तब से अब तक इन कपोल कल्पित किरदारों पर दर्जनों फिल्में बन चुकी हैं। चलते-फिरते शव जॉम्बीज जिस व्यक्ति को काटते हैं, वह उन जैसा हो जाता है। यानी ये संक्रमण फैलाते हैं।

चूंकि इन दिनों दुनिया कोरोना के संक्रमण से जूझ रही है, इसलिए शाहरुख खान की निर्माण कंपनी ने जॉम्बीज पर अपनी नई वेब सीरीज ‘बेताल’ नेटफ्लिक्स पर उतार दी है। इसे हॉरर ड्रामा के तौर पर प्रचारित किया गया, लेकिन इसे देखते हुए हॉरर कहीं महसूस नहीं होता। यह इस दर्जा हास्यास्पद है कि इसे बनाने वालों के दिमाग पर हंसी आती है। बॉलीवुड इससे पहले सैफ अली की ‘गो गोवा गोन’ (2013) और अभय देओल की ‘रॉक द शादी’ (2015) जैसी फिल्मों में जॉम्बीज के फार्मूले को भुनाने में मात खा चुका है। ‘बेताल’ इन फिल्मों से भी फिसड्डी साबित हुई है।

इस वेब सीरीज की कहानी रायपुर (छत्तीसगढ़) के आदिवासी गांव निलजा में घूमती है, जहां नेशनल हाइवे के रास्ते में आ रही एक सुरंग को साफ किया जाने वाला है। आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं,क्योंकि उन्हें डर है कि इससे गांव पर आफत टूट पड़ेगी। सुरंग में काम शुरू होते ही आफत टूटना शुरू भी हो जाता है। सीरीज बनाने वाले दूर की कौड़ी लाए हैं कि सुरंग में अंग्रेजों के जमाने के वे फौजी जॉम्बीज बनकर घूम रहे हैं, जो युद्ध में मारे गए थे। जाहिर है, सुरंग की सफाई पर ये जॉम्बीज ‘हूं-हूं-घूं-घूं-घुर्र-घुर्र’ करते हुए बाहर आएंगे और जो मिलेगा, उसे काट खाने पर आमादा होंगे। प्रतीक ग्राहम और निखिल महाजन के निर्देशन में बनी यह सीरीज शुरुआत में ही इतनी बिखरी हुई है कि यही समझ नहीं आता कि वे दिखाना क्या चाहते हैं। सुचित्रा पिल्लै, विनीत कुमार सिंह, आहना कुमरा, जीतेंद्र जोशी, सिद्धार्थ मेनन और मीनल कपूर जैसे कलाकार भी बुरी तरह निराश करते हैं।

जॉम्बीज पर पिछले साल आई दक्षिण कोरियाई फिल्म ‘ट्रेन टू बुसान’ ने दुनियाभर में जमकर कमाई की थी तो इसकी वजह यह थी कि इसे बनाने वालों के पास हॉलीवुड की ‘द डेड डोन्ट डाई’, ‘जॉम्बीलैंड’, ‘वार्म बॉडीज’, ‘वन कट ऑफ द डेड’, ’28 वीक्स लेटर’, ‘द गर्ल विद ऑल द गिफ्ट’, ‘डॉन ऑफ द डेड’ और ‘ब्रेनडेड’ से हटकर कुछ नया दिखाने के लिए था। ‘बेताल’ बनाने वालों के पास वैसा कुछ भी नहीं है।

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