-तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख मिलती रही है। लेकिन इंसाफ नहीं मिला माय लॉड, इंसाफ नहीं मिला, मिली है तो सिर्फ ये तारीख(दामिनी 1993)
-जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पर पड़ता है ना... तो आदमी उठता नहीं... उठ जाता है। (दामिनी 1993)
-चिलाओ मत नहीं तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा, ना तारीख...ना सुनवाई सीधा इंसाफ वो भी ताबड़तोड़(दामिनी
-आने वाले चौबीस घंटों में तुम्हारे चौबीस टुकड़े करके, हर टुकड़े का अलग-अलग अंतिम संस्कार करूंगा। (घायल 1990)
-जख मारती है पुलिस, उतारकर फेंक दो ये वर्दी और पहन लो बलवंत राय का पट्टा अपने गले में(घायल 1990)
-जाकर दुम हिलाना उनके सामने, तलवे चाटना, बोटियां फेकेंगे बोटियां... बलवंत राय के कुत्तों(घायल 1990)
-मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दो(घातक)
-ये मजदूर का हाथ है लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है। (घातक)
-इन हाथों ने सिर्फ हथियार छोड़े हैं, चलाना नहीं भूले(जीत)
-हमारा हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा(गदर)
-एक कागज पर मूहर नहीं लगेगी तो क्या तारा पाकिस्तान नहीं जाएगा ?(गदर)
-अगर मैं अपनी बीवी बच्चों के लिए सिर झुका सकता हूं तो मैं सबके सिर काट भी सकता हूं। (गदर)
-इससे पहले कि मैं तुझे गद्दार करार देकर गोली मार दूं भाग जा यहां से(बोर्डर)
-बली हमेशा बकरे की दी जाती है शेर की नहीं(सिंह साहेब द ग्रेट)