बता दें हेका-धर्मेंद्र की पहली मुलाकात ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म ‘आसमान महल’ के प्रीमियर के दौरान वर्ष 1965 में हुई थी। तब तक धर्मेंद्र ? फिल्म इंडस्ट्री में सुपर स्टार के तौर पर स्टेबलिश हो चुके थे। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे। हालांकि दोनों का प्यार फिल्म ‘शोले’ की शूटिंग के दौरान परवान चढ़ा और 1979 में दोनों ने शादी कर ली।
बता दें हेमा एक साउथ इंडियन फैमिली से बिलोंग करती है और उनकी फैमिली धर्मेंद्र के साथ हेमा के रिश्ते से खुश नहीं थी। इसका कारण यह था कि एक तो धर्मेंद्र पंजाबी थे दूसरा वह पहले से ही शादीशुदा थे। इस वजह से उन्हें हेमा से चोरी छिपे मिलना पड़ता था। कई बार हेमा के परिवार से कोई न कोई शूटिंग सेट पर भी आ जाता, इसलिए मिलना और मुश्किल हो जाता था। वे दोनों शूटिंग के बाद बाहर भी नहीं मिल पाते थे।
एक तरह से धर्मेंद्र और हेमा एक पहरे के बीच शूटिंग करते थे। धर्मेंद्र ने इसका एक नया तोड़ निकाला। जिन-जिन फिल्मों में वह हेमा मालिनी के साथ शूट कर रहे होते उन फिल्मों के कैमरामैन को पटा लेते थे। हेमा के साथ रोमांटिक सीन के रीटेक बार-बार हों, इसके लिए वह कैमरामैन से कह देते कि शॉट को एक बार में ओके नहीं करना। कभी कैमरामैन लाइट कम होने की बात करता तो कभी कोई और वजह बता देता। धर्मेंद्र ने इसका भी एक कोड वर्ड बनाया था। जब सीन को रीटेक कराना होता तो वह हौले से अपना कान छू लेते। इसी तरह जब उन्हें सीन को ओके करना होता वह अपनी नाक को सहलाते। इस तरह वह हेमा के साथ लंबा वक्त बिता पाते थे।
धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने एक दर्जन से ज्यादा सुपरहिट फिल्में दी। इस जोड़ी का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता था। डायरेक्टर्स भी अपनी फिल्मों में ज्यादा से ज्यादा इस जोड़ी को ही कास्ट करना चाहते थे। ‘तुम हंसी मैं जवां’ इन दोनों की साथ में पहली मूवी थी, जो 1970 में आई थी। इसके बाद नया जमाना, शराफत, सीता और गीता, राजा रानी, पत्थर और पायल, जुगनू, प्रतिज्ञा, बारूद, चरस, ड्रीम गर्ल, शोले, द बर्निंग ट्रेन, नसीब, आस-पास, रजिया सुल्तान शामिल हैं।