अर्थ से मिली पहचान
वर्ष 1982 में महेश को फिल्म ‘अर्थ’ निर्देशित करने का अवसर मिला। फिल्म में स्मिता पाटिल, शबानी आजमी और कुलभूषण खरबंदा ने मुख्य भूमिका निभाई थी। माना जाता है कि इस फिल्म के जरिए उन्होंने अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ अपने रिश्ते को दर्शाया था। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। इसके साथ ही वह समीक्षको का भी दिल जीतने में सफल रहे। वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ‘सारांश’ महेश भट्ट के निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म साबित हुई। फिल्म में अनुपम खेर और रोहिणी हथगड़ी और सोनी राजदान ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म की बेहतरीन पटकथा के लिये महेश भट्ट मास्को फिल्म फेस्टिबल में पुरस्कार से सम्मानित भी किये गए।
1989 में रखा फिल्म निमार्ण में कदम
वर्ष 1989 में महेश भट्ट ने अपने भाई मुकेश भट्ट के साथ मिलकर फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और फिल्म ‘डैडी’ का निर्माण किया। फिल्म के जरिए महेश भट्ट ने अपनी पुत्री पूजा भट्ट को फिल्म इंडस्ट्री में बतौर अभिनेत्री लॉन्च किया। फिल्म में अपने भावपूर्ण अभिनय से अनुपम खेर और पूजा भट्ट ने दर्शको का दिल जीत लिया और फिल्म को सुपरहिट बना दिया। वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म ‘आशिकी’ उनके सिनेसफर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई। वर्ष 1995 में महेश भट्ट ने छोटे पर्दे की ओर भी रूख किया और शोभा डे की कहानी ‘स्वाभिमान’ को निर्देशित किया। यह धारावाहिक दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।20 साल बाद निर्देशन में वापसी
वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म ‘कारतूस’ की असफलता के बाद महेश भट्ट ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र से किनारा कर लिया। हालांकि उन्होंने फिल्मों की कहानी और स्क्रीनप्ले लिखना जारी रखा। वे अपने सिने कॅरियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गए। महेश भट्ट ने अपने तीन दशक लंबे सिने कॅरियर में लगभग 50 फिल्मों का निर्देशन किया है। अब वे फिर से निर्देशन के क्षेत्र में वापस आ गए हैं और वह इन दिनों अपनी सुपरहिट फिल्म ‘सड़क’ का सीक्वल बना रहे हैं।