एक्टिंग में कामयाब न होने के बाद प्रोडक्शन में रखा कदम:
राकेश जब खुद को एक्टिंग के क्षेत्र में पूरी तरह से साबित नहीं कर पाए तो उन्होंने कुछ और करने के बारे में सोचा। उन्होंने एक्टिंग के बाद प्रोडक्शन के क्षेत्र में कदम रखा। साल 1980 में ‘आपके दीवाने’ फिल्म के जरिए प्रोडक्शन के फील्ड में वो एक बार फिर से खुद को साबित करने में जुट गए। इसके बाद उन्होंने 1982 में ‘कामचोर’ बनाई। इन दोनों फिल्मों में उन्होंने अभिनय भी किया। के. विश्वनाथ के निर्देशन में बनी इस फिल्म के सुपरहिट होने के बाद उन्हें यह लगा कि ‘के’ अक्षर उनके लिए लकी है और उन्होंने अपनी आगामी सभी फिल्मों के नाम ‘के’ अक्षर से रखने शुरू कर दिए।
‘के’ अक्षर से शुरू होने वाली फिल्मों के नाम:
राकेश रोशन की ‘के’ अक्षर से शुरू होने वाली उनकी फिल्में हैं ‘खुदगर्ज’, ‘खून भरी मांग’, ‘काला बाजार’, ‘किशन कन्हैया’, ‘कोयला’, ‘करण अर्जुन’, ‘कहो ना प्यार है’, ‘कोई मिल गया’, ‘क्रिश’, ‘क्रेजी 4’, ‘किंग अंकल’, ‘काइट्स’ ,‘क्रिश 3’ और ‘काबिल’ आदि। वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ के जरिए राकेश रोशन ने अपने पुत्र ऋतिक रोशन को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। यह फिल्म उनकी सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शामिल है। इस फिल्म से जुड़ा यह तथ्य भी रोचक है कि सर्वाधिक पुरस्कार पाने वाली बॉलीवुड की फिल्म होने पर इसे ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी शामिल किया गया है।
इन तीन फिल्मों ने बदली उनकी किस्मत:
साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म ‘कोई मिल गया’ राकेश रोशन के प्रोडक्शन और निर्देशन में बनी महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। इसी तरह इस फिल्म का सीक्वल ‘क्रिश’ और तीसरा संस्करण ‘क्रिश 3’ भी उनकी बेहद कामयाब फिल्मों में हैं जिसने छोटे बच्चों से लेकर सभी दर्शकों तक का भरपूर मनोरंजन किया। राकेश रोशन चार बार फिल्म फेयर पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। ‘कहो ना प्यार है’ और ‘कोई मिल गया’ के लिए उन्हें निर्माता-निर्देशक का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला है। फिल्म इंडस्ट्री में 35 वर्ष पूरे होने पर उन्हें ‘ग्लोबल इंडियन फिल्म अवॉर्ड्स’ की ओर से भी सम्मानित किया गया है। राकेश रोशन अब फिल्म ‘क्रिश 4’ बनाने की तैयारी कर रहे हैं।