आइफा 2017 में ‘वुमन ऑफ द इयर’ (‘Woman of the Year’ Taapsee Pannu)रही ऐक्ट्रेस तापसी पन्नू ने नस्लभेद पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, गोरी त्वचा की चाहत का ही नतीजा है कि गोरा होने वाली क्रीम की जबरदस्त डिमांड है। वैवाहिक विज्ञापनों में स्किन के रंग का वर्णन आवश्यक माना जाता है। जब समाज में हर जगह ऐसा है तो फिल्म इंडस्ट्री भी इस सामाजिक बुराई से अछूता नहीं है।
‘फायर’ और ‘अर्थ’ जैसी फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुकी नंदिता दास (Nandita Das)ने नवाजुद्दीन के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बात में कतई हैरानी नहीं होगी कि नवाजुद्दीन का रंग उनके करियर को प्रभावित नहीं किया होगा। हर विज्ञापन में ज्यादातर दिखने वाले मॉडल गोरी त्वचा वाले होते हैं। डार्क स्किन के लोगों को अक्सर यह दंश झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि नवाजुद्दीन को बॉलीवुड में अपनी जगह बनने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी यह समझ मे आता है, 10 वर्षो की कड़ी मेहनत के बाद वे इस बुराई से पार पा सके हैं।
अभिनेत्री तनिष्ठा चैटर्जी ने नवाजुद्दीन के नस्लवाद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘मुझे लगता है कि फिल्म इंडस्ट्री में रंग-रूप को लेकर इतना पक्षपात नहीं होता है। हां, विज्ञापन इंडस्ट्री में रंग को लेकर कुछ ज्यादा बातें होती हैं। वैसे हमारे समाज में काफी गहराई तक ये बुराई जड़ जमाए हुए है, मेरा मानना है कि कलाकारों को इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।”